नईदिल्ली : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई किसी भी सूरत में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करना चाहता था। पूर्वी दिल्ली से भेजे गए गैंगस्टर हाशिम बाबा के शूटरों ने मूसेवाला की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखकर हत्या करने से मना कर दिया था। ऐसे में उसने तिहाड़ से दो इंच के चाइनीज फोन के जरिये कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ और भाई अनमोल को मूसेवाला की हत्या करवाने का आदेश दिया था। वहीं, दिल्ली समेत पूरे देश के गैंगस्टर दो गुटों में बंट गए हैं। एक गिरोह लॉरेंस का है तो दूसरा देवेंंद्र बंबीहा का है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की पूछताछ में लॉरेंस ने खुद स्वीकार किया था कि वह नवबंर, 2021 में तिहाड़ में बंद था। मार्च 2022 में उसे हाई सिक्योरिटी जेल नंबर 8 में शिफ्ट कर दिया गया।
इस जेल में बंद संपत नेहरा, रोहित मोई, हाशिम बाबा, रिंकू गेंदा लाल और सोनू खरखरी उसे पहले से जानते थे। इन सभी ने इस्तेमाल के लिए दो इंच का चाइनीज फोन था। इसी फोन से लॉरेंस ने अनमोल बिश्नोई से बात कर मूसेवाला की हत्या करवाने व गोल्डी बराड़ से संपर्क करने के लिए कहा था।
विक्की की हत्या के बाद वारदात को दिया अंजाम
2021 में लॉरेंस गिरोह के मुख्य बदमाश विक्की मिदुखेरा की हत्या बंबीहा गिरोह ने कर दी थी। लॉरेंस ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मूसेवाला बंबीहा गिरोह के संपर्क में था और राजनीतिक व आर्थिक रूप से मदद करता था। मई 2022 के पहले सप्ताह में लॉरेंस ने गोल्डी, दीपक टीनू (केपीटी जेल) और मिंटू मुदस्या (बीकानेर) से फोन पर बातचीत की और मूसेवाला की हत्या करने को कहा। 29 मई 2022 को सतबीर सिंह उर्फ सैम (वर्तमान में कनाडा में) ने लॉरेंस को फोन पर बताया कि सिद्धू मारा गया हैं।
खुर्जा से मंगाई एके-47
लॉरेंस ने कुर्बान (खुर्जा, बुलंदशहर) से 8 लाख रुपये में एके 47 खरीदकर रोहित चौधरी (गाजियाबाद, यूपी) के पास रखी थी, जिसे गोल्डी के निर्देश पर शूटरों को सौंप दिया था।
वर्चस्व को लेकर कई गिरोह उभरे
एक दशक में दिल्ली के बाहरी जिलों, द्वारका और दक्षिण पश्चिम के इलाकों में कई गिरोह उभरे हैं। ये गिरोह धमकी देना, जबरन वसूली, जमीन हड़पना और वर्चस्व को लेकर प्रतिद्वंद्वियों से भिड़ना आदि अपराध में लिप्त हैं।
गैंगवार में कई लोगों की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। नीतू दाबोदा-नीरज बवाना और जितेन्द्र उर्फ गोगी-सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया गिरोह ने अपने गिरोह बनाए हैं और वर्चस्व को लेकर गैंगवार चलती रहती है। पुलिस की स्पेशल सेल और अन्य इकाइयों ने अधिकांश सरगना और मुख्य बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
भौगोलिक खामियों का उठाते हैं फायदा
दिल्ली पुलिस का कहना है कि हरियाणा, राजस्थान और यूपी से राजधानी घिरी हुई है। अपराधी व गैंगस्टर भौगोलिक खामियों का फायदा उठाते हैं। कोई भी व्यक्ति बिना जोखिम के आसानी से सीमा पार कर सकता है। पड़ोसी राज्यों के कई गैंगस्टरों ने गठबंधन कर दिल्ली को अपना कार्यक्षेत्र बना लिया है।
किस गुट में कौन
लॉरेंस बिश्रोई (पंजाब), संदीप उर्फ काला जठेड़ी (हरियाणा), जितेंद्र गोगी (दिल्ली), हाशिम बाबा, सुबे (गुरुग्राम) और गैंगस्टर आनंदपाल (राजस्थान, मारा गया) महिला दोस्त अनुराधा चौधरी गिरोह चला रही है।
पंजाब का देवेंद्र बंबीहा (मारा गया) गिरोह, नीरज सेहरावत उर्फ नीरज बवाना (दिल्ली), सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया (तिहाड़ में मारा गया), संदीप ढिल्लू और कौशल चौधरी (गुरुग्राम)।
किस गिरोह के कौन से बदमाश फरार
जितेंद्र गोगी : दो लाख का इनामी दीपक बॉक्सर, एक लाख का इनामी मोहित भाडानी। जितेंद्र को रोहिणी कोर्ट में टिल्लू ताजपुरिया गिरोह ने मार दिया था।
बंबीहा: पंजाब का नीरज उर्फ चस्का, दीपक मान व विजय डेओरा।
नीरज बवानिया : 50 हजार का इनामी रोहतक, दिल्ली निवासी नवीन भांजा, झज्जर निवासी अजय असोदा और गांव सुल्तानपुर डबास, दिल्ली निवासी विकास उर्फ फौजी।
कौशल : 1.50 लाख का इनामी दीपक पकास्मा, 50 हजार का इनामी राकेश ताजपुर व 50 हजार का इनामी राहुल फूलंदा।