छत्तीसगढ़

 ‘सुशांत’ मामले में रिया चक्रवर्ती को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और सरकार को फटकारा

supreme court in sushant rajput death case gave relief rhea chakraborty and family lookout circular cancel

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में फिल्म अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को बड़ी राहत देते हुए लुकआउट सर्कुलर को रद्द करने का फैसला बरकरार रखा है। पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार और सीबीआई बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को इसलिए चुनौती दे रहे हैं क्योंकि आरोपी जानी-मानी शख्सियत है। सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने पटना में उनकी मौत की जांच की मांग करते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके तुरंत बाद ही इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

दरअसल लुकआउट सर्कुलर जारी होने के चलते रिया चक्रवर्ती और उनके परिजनों को विदेश जाने में समस्या हो रही थी। जिसके चलते रिया चक्रवर्ती ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर लुकआउट सर्कुलर रद्द करने की मांग की थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जब सर्कुलर रद्द करने का आदेश दिया तो सीबीआई ने पीठ से अपने फैसले पर चार सप्ताह तक रोक लगाने की अपील की थी, ताकि वे सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील कर सकें। हालांकि हाईकोर्ट ने सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया था। 

सीबीआई ने साल 2020 में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ जारी किया था लुकआउट सर्कुलर
सीबीआई ने साल 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले में रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक चक्रवर्ती, उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल इंद्रजीत चक्रवर्ती और उनकी मां संध्या चक्रवर्ती के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने लुकआउट सर्कुलर जारी करने की कोई वजह न मानते हुए इसे रद्द कर दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अभिनेत्री और उनका परिवार सामाजिक है और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी रिया चक्रवर्ती हैं आरोपी
सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार से पूछताछ की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय की जांच, जो उनकी आय, निवेश और पेशेवर सौदों की जांच की गई। दरअसल सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने आरोप लगाया है कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत के बैंक खाते से कथित तौर पर किस्तों में 15 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए और उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया।