नईदिल्ली : पृथ्वी शॉ, जिन्हें एक समय भारतीय क्रिकेट टीम के फ्यूचर स्टार के रूप में देखा जा रहा था. वो समय-समय पर विवादों में घिरे रहे हैं, जिसका उनके क्रिकेट करियर पर भी बुरा असर पड़ा है. इन दिनों पृथ्वी अपनी फिटनेस को लेकर भी चर्चाओं में बने हुए हैं, जिसके कारण उन्हें रणजी ट्रॉफी में मुंबई के स्क्वाड से बाहर भी किया जा चुका है. इस सबके बीच भारत के दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इस युवा खिलाड़ी का सपोर्ट किया है.
एक लेख के माध्यम से सुनील गावस्कर ने कहा, “यदि पृथ्वी शॉ को उनके एटीट्यूड और अनुशासन का पालन ना करने के लिए बाहर किया गया है, तो उन्हें बाहर करने का विषय समझा जा सकता है. मैंने कहीं पढ़ा कि पृथ्वी को उनके वजन के कारण बाहर किया गया है, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि उन्हें वजन के कारण बाहर नहीं किया गया होगा. बताया गया कि उनका बॉडी फैट 35 प्रतिशत अधिक था.”
पृथ्वी शॉ के सपोर्ट में उतरे
सुनील गावस्कर का मानना है कि शरीर की बनावट और वजन के जरिए किसी खिलाड़ी की फिटनेस का आंकलन नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सरफराज खान का उदाहरण दिया, जो अपने शरीर के कारण ट्रोल होते रहते हैं, फिर भी न्यूजीलैंड के खिलाफ 150 रन की शानदार पारी खेली. गावस्कर ने कहा, “हमने बेंगलुरु में हुए टेस्ट मैच में देखा कैसे सरफराज खान ने बढ़िया पारी खेली थी. सरफराज, जो अपने वजन के कारण चर्चाओं में रहते हैं उन्होंने 150 रन की पारी खेलकर साबित किया कि आपके शरीर की बनावट या वजन तय नहीं करता कि आपकी क्रिकेट फिटनेस कैसी है.”
गावस्कर अनुसार क्रिकेट फिटनेस की असली परिभाषा यह होनी चाहिए कि कोई बल्लेबाज 150 से अधिक रन बनाए या पूरे दिन भी खेलने में सक्षम हो. वहीं गेंदबाजी में 20 ओवर फेंक सकने वाला गेंदबाज क्रिकेट के मायनों में फिट होता है.