मुम्बई : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। इस बीच, देखने को मिल रहा है कि अधिकांश राजनीतिक दलों को पार्टी में विद्रोह और विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, आज महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था। ऐसे में महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों गठबंधन के दलों के कई उन नेताओं ने भी निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है, जिन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला था। अब ये नेता सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए सिरदर्द बन गए हैं।
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख आज थी। वहीं उम्मीदवारों के कागजात की जांच 30 अक्तूबर को की जाएगी। वहीं, 4 नवंबर को उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख है। चार नवंबर के बाद ही चुनावी मैदान में बचे बागियों की संख्या की तस्वीर साफ हो पाएगी।
अगर नहीं लेते हैं नाम वापस तो आधिकारिक उम्मीदवारों को देंगे कड़ी टक्कर
यदि विद्रोही अपना नाम आखिर तक वापस नहीं लेते हैं और चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं तो वे आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए एक कठिन चुनौती पैदा करेंगे। इतना ही नहीं, महायुति और एमवीए के चुनावी गुणा-गणित को भी प्रभावित करेंगे।
महायुति में ऐसा है सीट फार्मूला
उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद महायुति में सीटों के वितरण का जो अंतिम फार्मूला सामने आया है, उसके मुताबिक भाजपा सबसे अधिक 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 83 और अजीत पवार की एनसीपी के खाते में 51 सीटें आई है। भाजपा ने चार सीट अपने मित्र दलों के लिए और शिवसेना ने दो सीट अपने मित्र दलों के लिए छोड़ी है। वहीं, अंतिम समय में कुछ सीटों पर शिवसेना ने हेलिकॉप्टर से उम्मीदवारों का एबी फार्म पहुंचाया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 5 सीटों पर महायुति के उम्मीदवारों की बीच मैत्रीपूर्ण मुकाबले के आसार हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 288 में से 164 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 105 सीटें जीती थी।
इन नेताओं ने अपनाया बागी रुख
भाजपा से जिन बागियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है, उसमें एक बड़ा नाम गोपाल शेट्टी का है। गोपाल दो बार के विधायक और मुंबई से सांसद रहे हैं। उन्होंने मुंबई के बोरीवली विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार संजय उपाध्याय के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है।
एक अन्य स्थानीय भाजपा नेता अतुल शाह ने मुंबई शहर के मुंबादेवी से अपना नामांकन दाखिल किया है, जहां पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाइना एनसी सहयोगी शिवसेना की आधिकारिक उम्मीदवार हैं।
एनसीपी की नासिक शहर इकाई के अध्यक्ष रंजन ठाकरे ने भी मौजूदा भाजपा विधायक देवयानी फरांडे के खिलाफ निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के भाई भास्कर ने बगावत कर दी है और जालना क्षेत्र में शिवसेना उम्मीदवार अर्जुन खोतकर के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है। इसी तरह नागपुर में भाजपा के मौजूदा विधायक कृष्णा खोपड़े को नागपुर पूर्व में राकांपा की बागी आभा पांडे से चुनौती मिल रही है।