नईदिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड ने कहा कि वह एक आस्थावान व्यक्ति हैं और सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं। एक कार्यक्रम के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्होंने अयोध्या के फैसले से पहले भगवान से प्रार्थना की थी।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गणेश पूजा पर उनके निवास पर आना कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘पीएम गणपति पूजा के लिए मेरे आवास पर आए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि सामाजिक स्तर पर भी न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच बैठकें होती हैं। हम राष्ट्रपति भवन, गणतंत्र दिवस आदि पर मिलते हैं। हम प्रधानमंत्री और मंत्रियों के साथ बातचीत करते हैं। इन बातचीत में वह मामले शामिल नहीं होते हैं, जिन पर हम फैसले देते हैं।’
सीजेआई ने कहा कि यह समझना जरूरी है कि बातचीत एक मजतबूत अंतर-संस्थागत तंत्र का हिस्सा है। न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्ति के विभाजन का मतलब यह नहीं है कि दोनों एक-दूसरे मिल नहीं सकते। अयोध्या राम मंदिर विवाद के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना करने के अपने बयान चंद्रचूड़ ने कहा कि वह एक आस्थावान व्यक्ति हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
इस महीने सेवानिवृत्त हो रहे सीजेआई ने यह भी कहा कि उनके तहत कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट में एक महिला की जज की नियुक्ति नहीं कर सका, क्योंकि हाईकोर्ट के जजों में से कोई भी वरिष्ठता के पद पर नहीं थीं, जिसे और ऊंचे पद पर बिठाया जा सके। सीजेआई से सवाल किया गया था कि उनके कार्यकाल के दौरान 18 नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट में की गईं, लेकिन उनमें से कोई भी महिला नहीं थी। क्या उन्हें इसका अफसोस रहेगा?