मैसूर: लोकायुक्त पुलिस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मुडा जमीन आवंटन मामले में पूछताछ के लिए छह नवंबर को तलब किया है। पिछले महीने 25 अक्तूबर को मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती बी.एम. से भी पूछताछ की गई थी। वह भी इस मामले में एक आरोपी हैं। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ लोकायुक्त अधिकारी ने बताया, हमने मुख्यमंत्री को बुधवार सुबह पेश होने के लिए कहा है। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और उनके भाई मंडल मल्लिकार्जुन स्वामी का नाम भी शामिल है। स्वामी ने एक भूखंड खरीदा था, जिसे उन्होंने पार्वती को उपहार में दिया था। इस मामले में अन्य लोगों के नाम भी प्राथमिकी में दर्ज किए गए हैं। प्राथमिकी 27 सितंबर को मैसूर के लोकायुक्त थान में दर्ज की गई थी।
कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है?
मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया।
सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री की पत्नी का 50:50 योजना से क्या संबंध?
आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके केसारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।
मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है।