मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच चुनाव आयोग के अधिकारियों की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की दो बार चेकिंग की गई है. शिवसेना प्रमुख ठाकरे के हेलीकॉप्टर में मौजूद बैग की लगातार दूसरे दिन भी जांच की गई. इस बार चेकिंग महाराष्ट्र के लातूर में हुई. यह लगातार दूसरा दिन है जब ऐसा हुआ है. इससे पहले सोमवार (11 नवंबर) को यवतमाल में उनके बैग की जांच की गई थी. चुनाव आयोग की तरफ से की जा रही बार-बार चैकिंग को लेकर उद्धव ठाकरे भड़क गए हैं और उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की भी इसी तरह चैकिंग की जाएगी?
उद्धव ठाकरे के लातूर दौरे के दौरान आज हेलीपैड पर उनके बैग और हेलीकॉप्टर की जांच की गई. चुनाव आयोग की एक टीम ने यह जांच की, जो उनके चल रहे चुनाव अभियान के दौरान उनके हेलीकॉप्टर की जांच का लगातार दूसरा दिन था. उद्धव ठाकरे अपने चुनावी अभियान के तहत लातूर के औसा निर्वाचन क्षेत्र में थे. सोमवार को इसी तरह की जांच से गुजरे थे, जब चुनाव आयोग के अधिकारियों ने उनके हेलीकॉप्टर की भी जांच की थी. ये जांच नियमित सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा हैं, जिसका मकसद चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है.
उद्धव ठाकरे ने मांगा सबूत:
इस घटना का वीडियो भी बनाया गया, जिसमें ठाकरे को यह जानने की मांग करते हुए देखा जा सकता है कि क्या सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य नेताओं के लिए भी इसी तरह के सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए थे. उन्होंने महायुति गठबंधन के नेताओं पर की गई किसी भी बैग जांच का वीडियो सबूत मांगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर उनकी जांच की जा रही है तो प्रधानमंत्री समेत अन्य राजनेताओं पर भी यही लागू होना चाहिए.
जनता से क्या बोले ठाकरे?
यवतमाल रैली में अपने भाषण में ठाकरे ने बैग जांच के मुद्दे को उजागर करना जारी रखा. उन्होंने कहा,’जब मैं चुनाव प्रचार के लिए आया था, तो सात अधिकारियों ने मेरे बैग की जांच की. मैंने उन्हें अनुमति दी. मैंने उनका वीडियो बनाया लेकिन अब से अगर किसी के बैग की जांच की जाती है तो पहले अधिकारी का पहचान पत्र देखें. पता करें कि वह किस पद पर है.’ उन्होंने जनता से सभी राजनीतिक हस्तियों की इसी तरह की जांच की मांग करने का आग्रह करते हुए कहा,’जैसे वे आपकी जेबों की जांच करते हैं, वैसे ही उनकी भी जांच करें. यह आपका अधिकार है.’
‘बराबरी का बर्ताव करे चुनाव आयोग’
ठाकरे ने स्पष्ट किया कि जांच करने वाले अधिकारियों के प्रति उनके मन में कोई दुर्भावना नहीं है लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी नेताओं के साथ बराबरी का बर्ताव किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि यदि चुनाव आयोग को उनके कामों की जांच करनी है तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नेताओं की जांच समान स्तर की हो.