अमरावती। चुनाव आयोग के अधिकारियों की तरफ से लगातार महाराष्ट्र और झारखंड में कार्रवाई की जा रही है। इसमें तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के बैग के साथ-साथ हेलीकॉप्टकर की भी जांच की जा रही है। इस कड़ी में शनिवार को महाराष्ट्र के अमरावती में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बैग की जांच की है। इससे पहले चुनाव आयोग की तरफ से शिवसेना यूबीटी, भाजपा नेताओं के भी बैग की जांच की है। लेकिन इसे लेकर तमाम विपक्षी दलों की तरफ से भाजपा पर निशाना साधा गया है।
अमरावती में रैली करने पहुंचे थे कांग्रेस नेता
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर अमरावती में रैली करने पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर धामनगांव रेलवे के हेलीपैड पर उतरा। इसके बाद चुनाव अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। इसे लेकर राज्य की पूर्व मंत्री और कांग्रेस की टेओसा विधायक यशोमति ठाकुर ने चुनाव अधिकारियों से पूछा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बैग की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं?
कल राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को लेकर मचा बवाल
एक दिन पहले झारखंड के दौरे पर रहे राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान की अनुमति न मिलने पर खूब बवाल मचा था। जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने गोड्डा में एक जनसभा को संबोधित किया। उसके बाद उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अन्य जगह पर जाना था, लेकिन कथित तौर पर सवा घंटे तक राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर गोड्डा से उड़ान ही नहीं भर पाया। इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को बीते सवा घंटे से एटीसी की तरफ से उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी।
कांग्रेस उम्मीदवार का भाजपा पर हमला
इस मामले में महागामा विधानसभा सीट से विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार दीपिका पांडे ने राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान की मंजूरी ने दिए जाने की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री देवघर में हैं और सिर्फ इस वजह से राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान की मंजूरी नहीं मिली। हम जानते हैं कि ये प्रोटोकॉल है लेकिन कांग्रेस ने 70 वर्षों तक इस देश पर शासन किया है और ऐसी घटनाएं किसी विपक्षी नेता के साथ नहीं होनी चाहिए। यह स्वीकार्य नहीं है।’
जयराम रमेश ने लिखी थी चुनाव आयोग को चिट्ठी
राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने की मंजूरी न दिए जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने कहा, “चुनाव प्रचार में समान अवसर होना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान को अन्य सभी अभियानों से अधिक प्राथमिकता नहीं दी जा सकती।”