छत्तीसगढ़

भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले सचिन तेंदुलकर के इस पोस्ट से मची खलबली, अंपायर स्टीव बकनर हुए ट्रोल

Sachin Tendulkar vs Steve Bucknor: Post of Sachin created stir before IND vs AUS Test Series, umpire Bucknor

नई दिल्ली। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। सचिन ने एक तस्वीर साझा की है, जिसमें वह तीन बड़े पेड़ों के सामने बल्लेबाजी करते हुए दिख रहे हैं। तीनों पेड़ इस तरह से हैं कि वह विकेट जैसे दिख रहे हैं। इसके कैप्शन में सचिन ने अपने फैंस से पूछा कि किस अंपायर ने स्टंप को इतना बड़ा महसूस कराया? इस सवाल के जवाब में सोशल मीडिया पर फैंस ने कई जवाब दिए हैं। कई लोगों ने अनुमान लगाया कि यह पोस्ट पूर्व अंपायर स्टीव बकनर पर कटाक्ष है। बकनर का 1990 और 2000 के दशक में सचिन तेंदुलकर के साथ अच्छे संबंध नहीं थे। फैंस का मानना है कि सचिन का पोस्ट बकनर द्वारा किए गए विवादास्पद निर्णयों के लिए एक स्पष्ट संकेत हैं। 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी बकनर के कुछ फैसलों की खूब आलोचना हुई थी। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे से पहले सचिन के पोस्ट ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी है।

Sachin Tendulkar vs Steve Bucknor: Post of Sachin created stir before IND vs AUS Test Series, umpire Bucknor

सचिन और अंपायर बकनर – फोटो : Twitter

उनकी यह पोस्ट जल्दी ही वायरल हो गई। फैंस इस पर जमकर कमेंट कर रहे हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने भी पोस्ट पर कमेंट किया और लिखा कि स्टीव बकनर डीआरएस के युग में मैदान से मीलों दूर भाग गए होंगे।’ सचिन तेंदुलकर और अंपायर स्टीव बकनर के बीच संबंध दो विवादास्पद घटनाओं से चिह्नित हैं। 2003 और 2005 में टेस्ट मैचों के दौरान हुई घटनाओं ने न केवल अंपायरिंग में गिरावट को उजागर किया, बल्कि व्यापक आलोचना और बहस को भी जन्म दिया।

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Sachin Tendulkar vs Steve Bucknor: Post of Sachin created stir before IND vs AUS Test Series, umpire Bucknor

सचिन और अंपायर बकनर – फोटो : Twitter

इनमें से पहली घटना 2003 में ब्रिस्बेन के गाबा में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान हुई थी। तेंदुलकर को जेसन गिलेस्पी की गेंद पर लेग बिफोर विकेट (एलबीडब्ल्यू) दिया गया। हालांकि, टीवी रिप्ले में स्पष्ट रूप से दिखाया गया कि गेंद स्टंप्स के ऊपर से निकल जाती। साफ दिखा कि गेंद ऊंची थी और बकनर के सचिन को आउट करार देने ने विवाद को जन्म दिया था। सचिन तब एक महत्वपूर्ण पारी खेल रहे थे और इस फैसले ने भारत को मुश्किल में डाल दिया था। इसकी फैंस और पूर्व क्रिकेटरों ने खूब आलोचना की थी।

Sachin Tendulkar vs Steve Bucknor: Post of Sachin created stir before IND vs AUS Test Series, umpire Bucknor

सचिन और अंपायर बकनर – फोटो : Twitter

दूसरी घटना दो साल बाद 2005 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच के दौरान हुई। यहां अब्दुल रज्जाक की गेंद पर तेंदुलकर को कैच आउट दिया गया। तब गेंद और तेंदुलकर के बल्ले के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ था। पिच करने के बाद गेंद तेंदुलकर से दूर चली गई थी और रीप्ले ने पुष्टि की कि कोई किनारा नहीं लगा था। तब बकनर को लेकर फैंस के मन में काफी आक्रोश था। इसके अलावा 2007-08 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बकनर काफी विवादों में रहे थे।

2008 में सिडनी टेस्ट के दौरान पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग तीसरे नंबर पर आए और उन्हें अपनी पारी में शुरुआती जीवनदान मिला क्योंकि उन्हें लेग साइड पर विकेटकीपर एमएस धोनी ने कैच कर लिया। हालांकि, अंपायर स्टीव बकनर ने अपनी अंगुली नहीं उठाई। इसके बाद पोंटिंग ने माइकल हसी के साथ 92 रन की साझेदारी कर डाली। फिर पहले दिन का दूसरा विवादास्पद क्षण तब आया जब ईशांत शर्मा ने साइमंड्स को धोनी के हाथों कैच कराया। हालांकि, अंपायर बकनर एक बार फिर अड़े रहे और आउट नहीं दिया। इस टेस्ट के दौरान सौरव गांगुली को लेकर उनके एक फैसले ने भारत को जीत से दूर कर दिया था। दूसरी पारी में क्लार्क ने एक कैल लिया था। हालांकि, साफ दिख रहा था कि गेंद टप्पा खाकर उनके हाथों में गई थी। तब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रहे रिकी पोंटिंग ने मार्क बेंसन और बकनर को कहा कि आउट दीजिए और अंपायर ने अंगुली उठा दी थी। 

Sachin Tendulkar vs Steve Bucknor: Post of Sachin created stir before IND vs AUS Test Series, umpire Bucknor

सचिन और अंपायर बकनर – फोटो : Twitter

इन घटनाओं ने स्टीव बकनर की छवि खराब कर दी थी। उन पर जानबूझकर गलत निर्णय देने के इल्जाम तक लगे। उन्होंने रिकॉर्ड 128 टेस्ट मैचों और लगातार पांच क्रिकेट विश्व कप फाइनल में अंपायरिंग की, को व्यापक रूप से अपने समय के सर्वश्रेष्ठ अंपायरों में से एक माना जाता है। हालांकि, तेंदुलकर के खिलाफ इन कुछ हाई-प्रोफाइल भूलों ने अक्सर उनकी उपलब्धियों को कम कर दिया। बकनर ने कुछ समय पहले खुद इन गलतियों को स्वीकार किया, खेद व्यक्त किया है और स्वीकार किया कि वे बड़ी गलतियां थीं। हालांकि, डीआरएस की शुरुआत के बाद से इन फैसलों में काफी कमी आई है, लेकिन डीआरएस भी अक्सर कई कारणों से विवादों में रहता है।