छत्तीसगढ़

यूक्रेन ने रूस पर दागी छह अमेरिकी मिसाइल, रूसी सेना का दावा- ब्रांस्क क्षेत्र पर किया हमला

मॉस्को: आज रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को एक हजार दिन पूरे हो गए हैं। इस बीच एपी की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सेना ने दावा किया है कि यूक्रेन ने रात को रूस के ब्रांस्क क्षेत्र पर छह अमेरिकी एटीएसीएमएस मिसाइलें दागी हैं। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइलों यानी कि टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) के रूस के अंदर हमले के लिए इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन ने पहले भी एटीएसीएमएस का इस्तेमाल किया था, लेकिन ये इस्तेमाल सीमावर्ती इलाकों तक सीमित था। 

दिमत्री मेदवेदेव ने की अमेरिका के फैसले की निंदा

रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष और पुतिन के करीबी दिमत्री मेदवेदेव ने यूक्रेन को मिसाइल दागने की अनुमति देने के अमेरिका के फैसले की निंदा की। दिमत्री ने तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ दागी गईं मिसाइलों को हमला माना जाएगा। इसके जवाब में रूस यूक्रेन और नाटो के ठिकानों पर कार्रवाई कर सकता है। इसका मतलब है तीसरे विश्व युद्ध का समय आ गया है। 

क्या है एटीएसीएमएस मिसाइल सिस्टम

यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 300 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। लंबी दूरी तक मार करने की वजह से ही यह मिसाइल यूक्रेन के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। 

रूस ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया

रूस सरकार ने अमेरिका के इस फैसले के प्रति कड़ी नाराजगी जताते हुए अपने बयान में कहा था कि यह स्वभाविक है कि अमेरिकी निवर्तमान सरकार युद्ध को भड़काना चाहती है। रूस सरकार ने कहा कि ‘राष्ट्रपति पुतिन ने सितंबर में ही साफ कर दिया था कि रूस के खिलाफ मिसाइलों के इस्तेमाल का मतलब रूस और नाटो का युद्ध होगा। यूक्रेन के लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल का मतलब होगा कि अमेरिका इस युद्ध में सीधे तौर पर शामिल हो गया है। इसके बाद हम भी जरूरी और कड़े कदम उठाएंगे।

वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक अहम फैसले के तहत संशोधित परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। पुतिन द्वारा संशोधित परमाणु नीति पर हस्ताक्षर के कदम को भी बाइडन के फैसले का ही जवाब माना जा रहा है। रूस की नई परमाणु नीति में ये प्रावधान किया गया है कि रूस पर अगर बड़े पैमाने पर हवाई हमला होता है तो उसके जवाब में रूस परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।