छत्तीसगढ़

क्या किसी भी तरह का नशा नहीं कर सकते हैं क्रिकेटर? अब तक नशे से कितने खिलाड़ियों पर लगा है बैन

नईदिल्ली : क्रिकेट का खेल सदियों पुराना है, लेकिन पहले की तुलना में अब नियम बहुत हद तक बदल चुके हैं. फुटबॉल से लेकर एथलेटिक्स और ओलंपिक खेलों में भी ड्रग्स का सेवन करने के कई मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या क्रिकेट में भी ड्रग्स के सेवन पर प्रतिबंध है, यदि हां तो किसी तरह का नशा करने पर क्रिकेटरों को क्या सजा दी जाती है?

क्या नशा करने पर है प्रतिबंध?

दरअसल स्पोर्ट्स की दुनिया में अधिकांश खेलों में एथलीटों को डोप टेस्ट करवाना होता है, जिससे पता चलता है कि कोई एथलीट ड्रग्स का सेवन कर रहा है तो उसके शरीर में ड्रग्स की मात्रा कितनी है? क्रिकेट खेल भी डोपिंग से अछूता नहीं है और खेल भावना को बनाए रखने के लिए सभी खिलाड़ियों को डोपिंग टेस्ट करवाना होता है. क्रिकेट में ड्रग्स और किसी भी तरह का नशा करने पर प्रतिबंध है, इसके बावजूद कई बार खिलाड़ियों को शराब और कोकेन समेत अन्य तरह का नशा करते पकड़ा जा चुका है.

नशा करने पर कितनी सजा?

किसी एथलीट को नशा करने पर कितनी सजा देनी है, यह फैसला वाडा (वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी) करती है. उदाहरण के तौर पर पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को स्टेरॉइड्स का सेवन करते पकड़ा जा चुका है. नेंड्रोलोन नाम के ड्रग का सेवन करने के लिए अख्तर को 2006 चैंपियंस ट्रॉफी के स्क्वाड से बाहर कर दिया गया था. उस समय अख्तर को 2 साल के लिए बैन कर दिया गया था. साल 2019 में भारतीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ को भी डोपिंग का उल्लंघन करने के लिए बैन कर दिया गया था. उन्हें टर्ब्यूटेलीन नाम के ड्रग का सेवन करते पाया गया था, जो आमतौर पर खांसी के सिरप में पाया जाता है. उस मामले में पृथ्वी शॉ को 8 महीने के लिए बैन किया गया था. उनके अलावा युसुफ पठान और शेन वॉर्न समेत इयान बोथम जैसे दिग्गजों को भी ड्रग्स का सेवन करते पकड़ा जा चुका है.