संभल। संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। पत्थरों और जूते-चप्पलों की बौछार ने पुलिस और प्रशासन को घुटनों पर ला दिया। हालात संभालने के लिए जवाबी कार्रवाई तो हुई, लेकिन लोगों की जिंदगी थम गई। मस्जिद के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने खुद को घरों में कैद कर लिया। गोलियों की आवाज से बच्चे सहम गए। खाने-पीने के सामान के लिए भी परेशानी उठानी पड़ी।
मस्जिद-मंदिर नहीं, भाईचारा और शांति चाहिए
स्थानीय निवासी ने कहा कि हमें मस्जिद-मंदिर नहीं, भाईचारा और शांति चाहिए। कारोबार बंद है, जिंदगी ठहर गई है, तो खाएंगे क्या। हिंसा के बाद जिले में अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। डीएम ने कक्षा आठ तक के सभी स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि मस्जिद-मंदिर के नाम पर लोगों को बांटना आखिर किसकी सियासत है। लोगों का दर्द छलका कि राजनीति के इस खेल में उनकी जिंदगी की कीमत क्यों चुकानी पड़ रही है। उन्होंने अपील की कि किसी भी धार्मिक स्थल के नाम पर नफरत नहीं बल्कि प्यार और भाईचारे की जरूरत है।
सीओ की गाड़ी समेत कई वाहन फूंके, पथराव-फायरिंग में तीन की मौत
जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंचे कोर्ट कमिश्नर के विरोध में रविवार की सुबह मस्जिद के पास एकत्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी। हिंसक हुई भीड़ ने चंदौसी के सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन भीड़ काबू में नहीं आई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की तो भगदड़ मच गई। बवाल के दौरान हयातनगर निवासी रोमान, फत्तेहउल्ला सराय निवासी बिलाल और मोहल्ला कोट तबेला निवासी नईम की मौत हो गई। जबकि 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी और दर्जनों लोग घायल हो गए। मुरादाबाद से पहुंचे डीआईजी फोर्स के साथ हालात काबू करने में लगे हैं। रविवार सुबह 7:30 बजे डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची। कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के अंदर सर्वे शुरू किया। सर्वे की जानकारी पर मस्जिद के आसपास भीड़ जमा हो गई। कम समय में दोबारा सर्वे और छुट्टी के दिन सुबह-सुबह प्रक्रिया शुरू करने पर सवाल उठाते हुए लोगों ने हंगामा कर दिया। देखते-देखते पथराव शुरू कर दिया। इससे पुलिस में भगदड़ मच गई। हिंसक भीड़ ने पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
करीब डेढ़ घंटे तक हुए बवाल के बाद पुलिस ने काबू पाया। घायल हुए लोगों को अस्पताल भेजा और बवाल कर रहे लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे नखासा तिराहे पर फिर से भीड़ एकत्र हो गई। पुलिस वहां पहुंची तो वहां भी पुलिस पर पथराव किया गया। हुसैनी रोड पर खड़ी पुलिसकर्मियों की पांच बाइकों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस आगे बढ़ी तो हिंदूपुरा खेड़ा में पुलिस पर पथराव किया गया।
हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इससे भी हिंसक भीड़ काबू नहीं हुई तो पुलिस ने फायरिंग की। जैसे-तैसे भीड़ को तितर बितर कर पुलिस आगे बढ़ी। इस बीच मुरादाबाद समेत नजदीकी जिलों की फोर्स माैके पर पहुंच गई। पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी। बवाल में तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मौत पुलिस की गोली से हुई या किसी और की। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह, डीआईजी मुनीराज जी, डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नाई फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। बवाल कर रहे लोगों को हिरासत में लिया। इसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इन महिलाओं पर भी पत्थरबाजी करने का आरोप है। संभल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। लखनऊ से एडीजी के भी संभल रवाना होने की चर्चा है।
कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर पहुंचे तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। आगजनी भी की गई। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। नखासा और हिंदूपुरा खेड़ा में भी पुलिस पर पथराव किया गया है। हालात पर पुलिस-प्रशासन ने जल्दी ही काबू पा लिया और उपद्रव करने वाले आरोपियों की तलाश की जा रही है। कई हिरासत में भी लिए गए हैं। -आंजनेय कुमार सिंह, कमिश्नर, मुरादाबाद
पुलिस के साथ पीएसी, आरआरएफ और आरएएफ को शहर में लगाया गया है। बवालियों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पथराव और फायरिंग की गई है। इसमें काफी पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी घायल हुए हैं। सभी का मेडिकल कराया गया है। – मुनीराज जी, डीआईजी, मुरादाबाद