छत्तीसगढ़

363 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा था महाराष्ट्र चुनाव, जीतीं महज 22; जानें महायुति का स्ट्राइक रेट

मुम्बई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महिला सशक्तिकरण पर बात की जाए तो मुख्य रूप से चुनाव में केवल 8.8 फीसदी महिला उम्मीदवार मैदान में थीं और उनमें से भी बहुत कम संख्या में जीत पाईं. साल 2019 की बात करें तो 24 महिलाएं नई विधानसभा में पहुंची थीं, जो अब कम होकर 22 हो गई हैं. सबसे खास बात तो ये है कि प्रदेश के दो प्रमुख गठबंधनों की ओर से मैदान में उतारी गईं 55 महिला उम्मीदवारों में से महायुति की 21 महिला कैंडिडेट ने जीत दर्ज की तो वहीं महा विकास अघाड़ी की केवल एक उम्मीदवार जीत हासिल कर पाई.

पुणे के पार्वती में भाजपा की माधुरी मिसाल और एनसीपी (शरद पवार) की अश्विनी कदम के बीच टक्कर थी. मिसाल ने 1,18,193 वोटों के साथ सीट हासिल की. इस सीट पर जीत का अंतर 54,660 वोटों का रहा. माधुरी मिसाल अब तक चार विधानसभा चुनाव जीती हैं और वे शहर की सबसे सीनियर विधायक हैं. 

नवाब मलिक की बेटी ने की जीत हासिल

वहीं एनसीपी (अजित पवार) की उम्मीदवार सना मलिक ने भी मुंबई के अणुशक्ति नगर में जीत हासिल की. सना ने पिता नवाब मलिक की सीट पर जीत के बाद अब राजनीति में कदम रख दिया है. अन्य विजेताओं में एनसीपी की अदिति तटकरे शामिल हैं, जिन्होंने श्रीवर्धन में 1,16,050 वोटों से जीत हासिल की. वहीं देवलाली में सरोज अहिरे, वसई में भाजपा की स्नेहा दुबे पंडित और नासिक सेंट्रल में देवयानी हरांडे और सकरी में शिवसेना की मंजुला गावित शामिल हैं. 

MVA की केवल एक उम्मीदवार जीती

विपक्षी एमवीए गठबंधन की केवल एक महिला जीती है. धारावी निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की डॉ ज्योति गायकवाड ने जीत दर्ज की है. 

मुंबई से थी सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुल 4,136 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे, जिनमें से 363 तो महिलाएं ही थीं. कुल उम्मीदवारों में 10 फीसदी से भी कम महिलाएं मैदान में उतरीं, लेकिन ये आंकड़ा साल 2019 के आंकड़ों से थोड़ा अधिक है. सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार मुंबई से थीं- 39. ठाणे से 33, पुणे से 21, नासिक से 20 और नागपुर से 16. इनमें से भी 97 ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां पर कोई महिला उम्मीदवार उतरी ही नहीं.

पुरुष और महिला मतदाताओं के बीच का अंतर हुआ कम 

विश्लेषकों का कहना है कि ये संख्या महिला मतदाताओं में वृद्धि को भी नहीं दिखा रही. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में पुरुष और महिला मतदाताओं के बीच का अंतर कम हुआ है. 2024 के विधानसभा चुनावों में 65.2 फीसदी महिलाओं ने वोट डाला. वहीं पुरुषों ने 66.8 फीसदी वोट डाले. इनमें मात्र 1.63 प्रतिशत अंकों का अंतर है. वहीं साल 2019 के चुनावों में महिलाओं ने 59.2 फीसदी वोट डाले थे और पुरुषों ने 62.8 फीसदी वोट डाले. इनमें 3.57 प्रतिशत का अंतर था.