छत्तीसगढ़

दिल्ली कूच के लिए किसानों को अनुमति नहीं, शंभू बॉर्डर पर सात स्तरीय बैरिकेडिंग

नईदिल्ली : शंभू बॉर्डर पर जमे किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। दिल्ली जाने की मांग पर अड़े किसानों को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने एहतियात के तौर पर शंभू बॉर्डर पर सात स्तरीय बैरिकेडिंग कर दी है। बैरिकेडिंग के तौर पर दीवार, लोहे की कीलें व कंटीले तार शामिल हैं। किसान संगठनों के प्रदर्शन को देखते हो हरियाणा पुलिस ने आगामी आदेशों तक पुलिस की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं। अर्द्ध सैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं।

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि किसान दिल्ली जाना चाहते हैं, मगर उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में उन्हें आगे नहीं जाने दिया जाएगा। पिछले प्रदर्शनों के अनुभव को देखते हुए वीरवार शाम हरियाणा पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने शंभू बॉर्डर का दौरा भी किया।

एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर शंभू बॉर्डर व खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसान संगठनों ने छह मार्च को दिल्ली चलो का आह्वान किया हुआ है। इसके तहत शुक्रवार दोपहर को करीब एक बजे संगठन से जुड़े 100 सदस्य शंभू बॉर्डर से चलने की कोशिश करेंगे। उधर, हरियाणा पुलिस ने इन्हें किसी भी कीमत पर आगे नहीं बढ़ने देगी। ऐसी स्थिति में तनाव की स्थिति बन सकती है। 

शंभू बॉर्डर पर धारा 163 का नोटिस चस्पा
उधर, शंभू बॉर्डर पर तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर, पटियाला, अंबाला और सिरसा से किसान पहुंचने लगे हैं। इसके साथ ही चिकित्सा सहायता, रसोई और यातायात प्रबंधन की देखभाल के लिए वालंटियर भी तैनात किए गए हैं। एक दिन पहले हरियाणा सरकार की ओर से शंभू बॉर्डर पर धारा 163 का नोटिस चस्पा किया गया है। इसके तहत पांच और इससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर रोक रहेगी।

पीएम के कार्यक्रम को देखते हुए विशेष सतर्कता
पीएम नरेंद्र मोदी 9 दिसंबर को पानीपत पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए हरियाणा पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसे लेकर दो दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गृह विभाग और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। पंजाब के रास्तों पर विशेष नजर रखी जा रही है। गाड़ियों की सघन तलाशी ली जा रही है। ट्रैक्टरों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अतिरिक्त फोर्स भी तैनात किया गया है।

किसानों से अपील- आंदोलन का रास्ता छोड़े
गृह सचिव हरियाणा सुमिता मिश्रा ने कहा कि किसानों से अपील है कि वह आंदोलन का रास्ता छोड़े और बातचीत का रास्ता अपनाएं। सुप्रीम कोर्ट की ओर गठित कमेटी में अपनी बात रखें। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नीतियां बनेगी। किसानों को दिल्ली की ओर से धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है।