नईदिल्ली : सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय सचिवालय की पहली तीन इमारतों का निर्माण 30 अप्रैल 2025 तक पूरा हो जाएगा। इन इमारतों के निर्माण में डेढ़ साल की देरी हुई है। एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मामलों के राज्यमंत्री तोखन साहू ने बताया कि परियोजना के पूरा होने की निर्धारित तारीख 17 नवंबर 2023 थी, जिसकी अब संभावित तिथि 30 अप्रैल 2025 है।
10 कार्यालय भवन होंगे
मंत्री ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की लागत 3,690 करोड़ रुपये है। केंद्रीय सचिवालय की ये तीन इमारतें उस भूखंड पर बन रही हैं, जहां पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र स्थित था। कॉमन केंद्रीय सचिवालय में विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालय होंगे। फिलहाल इसमें 10 कार्यालय भवन और एक केंद्रीय सम्मेलन केंद्र होगा। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत इस कॉमन केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जा रहा है। सचिवालय में सभी आधुनिक तकनीकी विशेषताओं और सुविधाएं होंगी।
54 हजार कर्मचारी कर सकेंगे काम
इस इमारत में करीब 54 हजार कर्मियों को रखने की क्षमता होगी और इसमें बनाए जा रहे कार्यालय भवन वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं। इन सभी कार्यालयों को भूमिगत तौर पर जोड़ा जाएगा और इनमें ओवर-ग्राउंड शटल और पैदल पथ के लूप की सुविधाएं मिलेंगी, जिनसे कर्मचारी एक कार्यालय भवन से दूसरे कार्यालय भवन जा सकेंगे। सेंट्रल विस्टा की वेबसाइट के अनुसार, केंद्रीय सचिवालय में उद्योग भवन, निर्माण भवन, कृषि भवन, शास्त्री भवन, आईजीएनसीए और राष्ट्रीय संग्रहालय आदि कार्यालय बनाए जा रहे हैं, जो अभी राजपथ के दोनों तरफ स्थित हैं।