मुम्बई : सोमवार रात को मुंबई के कुर्ला में हुए बस हादसे में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। बस सेवा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हादसे के वक्त बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाइ और ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की बस की रफ्तार 46 किमी प्रति घंटा थी। इस रफ्तार से बस भीड़ में घुसी और पैदल यात्रियों और वाहनों को टक्कर मारी। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य लोग घायल हो गए थे।
अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात को हादसे पहले पूरे दिन बस की रफ्तार 32 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं थी। यह बेस्ट की ओर से खतरनाक मानी जाने वाली गति से बहुत कम है। उन्होंने कहा कि बेस्ट व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) से अपनी सभी बसों की गति पर लगातार नजर रखता है। यदि कोई ड्राइवर 40 किमी प्रति घंटे की सीमा पार करता है, तो उसे तेज गति माना जाता है। वहीं 50 किमी प्रति घंटे की गति पार करने पर ड्राइवर को खतरनाक मानते हुए उसे लाल झंडी दिखाई जाती है। इसके बाद उसे सलाह दी जाती है।
अधिकारी ने बताया कि हाईवे पर या सुबह-सुबह या देर रात में 50 किमी प्रति घंटे की गति पार करना खतरनाक ड्राइविंग नहीं माना जाता है, लेकिन फिर भी ड्राइवरों को गति सीमा को लेकर लगातार सलाह दी जाती है। बेस्ट ने कुर्ला दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। बेस्ट महाप्रबंधक कक्ष में हुई पैनल की बैठक में पांच वेट लीज ऑपरेटरों ने कहा कि उनके वाहन 50 से 75 किमी प्रति घंटे की सीमा में अलग-अलग गति पर बंद हैं। वेट लीज मॉडल के तहत ड्राइवर उपलब्ध कराने और किराए पर ली गई बसों के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी ठेकेदारों के पास रहती है।
एक अधिकारी ने बताया कि अब बेस्ट सभी वेट-लीज बसों की गति को एक समान करने की योजना बना रही है और इस बारे में ऑपरेटरों से जवाब मांगा गया है। अधिकारियों ने कहा कि मुंबई की सड़कों पर बेस्ट वाहनों की औसत गति 2014 में 11.5 किमी प्रति घंटा थी। जो अब घटकर नौ किमी प्रति घंटा हो गई है। एक बेस्ट बस प्रतिदिन 169 किमी चलती है, जबकि 2023 में यह 184 किमी प्रतिदिन थी। बसों की आवृत्ति कम हो गई है और अधिक बसों की आवश्यकता है।
वहीं बेस्ट ने दुर्घटना के बाद निलंबित किए गए कुर्ला स्टेशन (पश्चिम) को जोड़ने वाले सभी बस मार्गों को बहाल कर दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि बेस्ट और ओलेक्ट्रा दोनों ने दुर्घटना के संबंध में परिवहन आयुक्त कार्यालय को रिपोर्ट सौंप दी है और उन्हें मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को भेजा जाएगा।
पुलिस हिरासत में ड्राइवर मोरे
घटना के बाद बस चालक संजय मोरे पुलिस हिरासत में है। बेस्ट अधिकारियों के मुताबिक ड्राइवर मोरे ने एक दिसंबर से ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन बसें (बिना क्लच वाली) चलाना शुरू कर दिया था। इससे पहले उन्होंने दो अन्य वेट लीज ऑपरेटरों की डीजल से चलने वाली मिनी टेंपो ट्रैवलर बसें चलाईं थीं। मोरे को इलेक्ट्रिक बस चलाने की अनुमति देने से पहले तीन दिनों का प्रशिक्षण दिया गया था। आरटीओ अधिकारियों का मानना है कि मानवीय भूल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन बसें चलाने के लिए उचित प्रशिक्षण की कमी दुर्घटना का कारण हो सकती है। इस वित्तीय वर्ष में वेट लीज्ड बसों की 79 दुर्घटनाओं में 20 घातक, 48 गंभीर दुर्घटनाएं हुईं। बेस्ट की खुद की बसों से हुई 27 दुर्घटनाओं में से चार घातक और 21 गंभीर थीं।
यह था हादसा
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) अंतर्गत बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन (बेस्ट) उपक्रम की एक बेकाबू बस ने सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे कुर्ला (पश्चिम) में एसजी बर्वे मार्ग पर पहले एक ऑटो को टक्कर मारी और फिर एक के बाद एक गाड़ियों को टक्कर मारती चली गई। कई पैदल यात्री और फेरीवाले भी बस की चपेट में आ गए। थोड़ी देर में ही सड़क पर लोगों की चीख-पुकार मच गई। हादसे सात लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य लोग घायल हो गए थे।