जयपुर: राजस्थान में जयपुर-अजमेर हाइवे पर हुए एलपीजी ब्लास्ट हादसे की चपेट में आई वीडियो कोच बस को लेकर घोर लापरवाही सामने आई है। उदयपुर से चलने वाली लेकसिटी ट्रैवेल्स की यह बस बिना परमिट के ही संचालित की जा रही थी। इस मामले में उदयपुर आरटीओ की घोर लापरवाही उजागर हुई है।
बता दें कि उदयपुर की लेकसिटी ट्रैवेल्स की बस गुरुवार रात 32 सवारियों को लेकर जयपुर के लिए रवाना हुई थी। शुक्रवार अलसुबह जयपुर में हादसा हुआ और लेकसिटी ट्रैवल्स की यह बस चपेट में आ गई थी। लेकसिटी ट्रैवल्स बस के संचालक को लेकर घोर लापरवाही की बात सामने आई है। यह बस बिना परमिट के ही उदयपुर से जयपुर तक के लिए संचालित की जा रही थी। उदयपुर आरटीओ नेमीचंद जैन ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि बस के परमिट को बिना नवीनीकरण कराए ही संचालित किया जा रहा था।
आरटीओ की लापरवाही उजागर
हादसे के बाद भले ही परिवहन विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि बस को बिना परमिट के संचालित किया जा रहा था। लेकिन इस मामले में आरटीओ खुद ही लापरवाह दिखाई दे रहा है। दरअसल, बिना परमिट के संचालित बसों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी खुद परिवहन विभाग के पास है, लेकिन बिना परमिट के संचालित हो रही बस को कोई रोक-टोक नहीं की गई।
और भी हो सकता है अवैध संचालन
जयपुर हादसे के बाद जब मामला उठा तो लेकसिटी ट्रैवेल्स की बस के अवैध संचालन की बात सामने आई है। लेकिन उदयपुर से सैकड़ों निजी बसें संचालित होती हैं, जो कई बड़े शहरों तक जाती हैं। संभव है कि इनमें से कई बसें बिना परमिट के ही संचालित हो रही हो। यह इस बात से ही स्पष्ट है कि यदि परिवहन विभाग समय-समय पर कार्रवाई कर रहा होता तो लेकसिटी ट्रैवेल्स की बस बिना परमिट के संचालित नहीं होती।
जांच के लिए कमेटी गठित
भांकरोटा अग्निकांड की जांच के लिए सरकार ने कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। कमेटी को निर्देश दिए गए हैं कि वे हादसे के कारणों और भविष्य में इसकी पुनरावृति न हो, इसके लिए सुझाव देते हुए रिपोर्ट तैयार करे। बता दें कि अब तक कुल 12 लोगों की मौत हो चुकी है। 11 लोगों की SMS अस्पताल और एक की जयपुरिया अस्पताल में मौत हुई है। SMS में सात मृतकों की शिनाख्त हो गई है। वहीं, पांच की पहचान करना बाकी है, जिन मृतकों की शिनाख्त नहीं हुई, उन शवों का DNA टेस्ट करवाया जाएगा।