नईदिल्ली : भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी 14 महीने बाद आखिरकार राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते नजर आए। शमी को इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले गए तीसरे टी20 मुकाबले के लिए प्लेइंग-11 में जगह दी गई थी, लेकिन उनकी वापसी अच्छी नहीं रही और वह खाली हाथ रहे। भारत ने यह मुकाबला 26 रन से गंवाया, लेकिन वह पांच मैचों की सीरीज में फिलहाल 2-1 से आगे है।
436 दिन बाद भारतीय जर्सी में दिखे शमी
शमी की वापसी का प्रशंसकों को काफी इंतजार था और उनका यह इंतजार आखिरकार मंगलवार को समाप्त हुआ। शमी 14 महीने बाद भारतीय जर्सी में खेलते नजर आए। शमी इससे पहले आखिरी बार भारत के लिए वनडे विश्व कप 2023 फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले थे। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने लगातार तीसरे मैच में टॉस जीता और फील्डिंग का फैसला किया था। सूर्यकुमार ने टॉस के दौरान बताया था कि इस मैच के लिए टीम में एक बदलाव किया गया है और तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की जगह मोहम्मद शमी को प्लेइंग-11 में मौका दिया गया है।
सूर्यकुमार को शमी के अच्छे प्रदर्शन का भरोसा
शमी ने इंग्लैंड की पारी का पहला ओवर किया। उन्होंने मैच में अपने चार ओवर का कोटा भी पूरा नहीं किया और तीन ओवर गेंदबाजी की। इस दौरान शमी ने 25 रन लुटाए और उनकी इकॉनोमी 8.30 रही। इतना ही नहीं शमी इस मैच में एक भी विकेट नहीं ले सके और उन्होंने एक नो बॉल भी फेंकी। हालांकि, उन्होंने अपने स्पैल के दौरान करीब 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को छूआ जिससे उनकी फिटनेस को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा। सूर्यकुमार ने मैच के बाद कहा कि उन्हें यकीन है शमी अगले मैच में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
टखने की हुई थी सर्जरी
वनडे विश्व कप के दौरान शमी चोटिल हो गए थे जिसके बाद उनकी साल 2024 की शुरुआत में टखने की सर्जरी हुई थी। इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में वापसी की। बीच में खबर आई थी कि तेज गेंदबाज बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेंगे। हालांकि, फिटनेस संबंधी कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका। शमी को इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए 15 सदस्यीय स्क्वॉड का हिस्सा बनाया गया था, लेकिन उन्हें कोलकाता और चेन्नई में खेले गए पहले दो मैचों के लिए जगह नहीं मिली थी। शमी की वापसी में देरी होने से उनकी फिटनेस को लेकर अटकलें लगनी लगी थी। हालांकि, अब वह वापसी करने में सफल रहे थे।
घरेलू क्रिकेट में बिखेरी थी चमक
पिछले साल सर्जरी के बाद 34 वर्षीय गेंदबाज ने नवंबर में घरेलू क्रिकेट में खेलना शुरू किया था। उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बंगाल के लिए सभी नौ टी20 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 7.85 के इकोनॉमी रेट से 11 विकेट हासिल किए। वहीं, विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने सात में से सिर्फ तीन मैच ही खेले और मात्र तीन ही विकेट ले सके। इसके बाद शमी पैर में सूजन के कारण इस टूर्नामेंट बाहर हो गए थे।