छत्तीसगढ़

यमुना में अमोनिया के बढ़े स्तर पर घमासान: सीएम सैनी ने नदी का पानी पिया, बोले- जांच में भी कोई जहर नहीं मिला

नईदिल्ली : यमुना में बढ़े अमोनिया को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को दिल्ली से सटे पल्ला गांव में यमुना नदी से पानी को पिया। इस दौरान सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए लोगों के मन में डर पैदा करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने विवादिता बयान दिया। आज मैं यहां यमुना नदी के तट पर आया हूं और यमुना से पानी का एक घूंट पिया है। जल संसाधन प्राधिकरण ने यहां से नमूने लिए और पानी में कोई जहर नहीं मिला।

यह था मामला
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का दावा किया था। आप का कहना है कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बहुत अधिक होने से दिल्ली के तीन जल आपूर्ति संयंत्र बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं और राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट शुरू हो गया है। वहीं, केजरीवाल के आरोपों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व हरियाणा भाजपा ने पलटवार किया था।

यमुना में जहर पर जल बोर्ड ने दिया स्पष्टीकरण
दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना नदी के जल में जहरीले पदार्थों की मिलावट को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। जल बोर्ड का दावा है कि सर्दियों के मौसम अक्तूबर से फरवरी तक यमुना नदी में अमोनिया का स्तर स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। जलशोधन संयंत्रों को पार्ट्स पर मिलियन (पीपीएम) तक अमोनिया का शोधन करने के लिए डिजाइन किया गया है। यदि अमोनिया का स्तर दो से ढाई पीपीएम तक पहुंचता है तो इसे कैरियर लाइन चैनल और दिल्ली सब ब्रांच से पानी मिलाकर पतला किया जाता है।

इस प्रक्रिया से उच्च अमोनिया स्तर वाले पानी को शुद्ध किया जाता है। जल बोर्ड ने इस बारे में मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। जल बोर्ड की सीईओ शिल्पा शिंदे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि वह इस मामले को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के संज्ञान में लाएं। वजह यह कि इससे अंतरराज्यीय संबंधों पर असर पड़ता है।