छत्तीसगढ़

राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन को कांग्रेस ने बताया राजनीतिक, कहा- जनता क्या महसूस कर रही इसका जिक्र नहीं

नईदिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन को स्पष्ट राजनीतिक भाषण बताया। पार्टी ने दावा किया कि देश का आम नागरिक दिन पर दिन क्या अनुभव कर रहा है, इस पर कोई बात नहीं की। अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार ने वैश्विक चिंताओं से बाहर निकलने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है। संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने वक्फ बोर्ड और एक राष्ट्र एक चुनाव जैसे फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में पिछले प्रशासन की तुलना में तीन गुना अधिक गति से काम हो रहा है।

राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन पर कांग्रेस नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रपति से स्पष्ट राजनीतिक भाषण दिलवाया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह एक बहुत ही पूर्वानुमानित भाषण था।” उन्होंने आगे कहा, “अपनी सरकार की तारीफ करना उनका काम है। उन्होंने वही किया। हमें इस बात की चिंता है कि उनके भाषण से क्या हटा दिया गया जो उनकी सरकार पूरा करने में विफल रही। बेरोजगारी को देखकर आम आदमी और मध्यम वर्ग को आज दुख हो रहा होगा। युवा न केवल बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं, बल्कि शिक्षित युवाओं के पास भी नौकरियां नहीं हैं।”

शशि थरूर ने कहा, “इन सभी परिस्थितियों में हम सचमुच में चुनौती का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति के भाषण में इस बात की कोई स्वीकृति नहीं थी कि भारत का सामान्य नागरिक दिन-ब-दिन क्या महसूस कर रहा है।” कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन दुर्भाग्य से सरकार की उपलब्धियों की झूठी सूची को दोहराने से ज्यादा कुछ नहीं है। 

कांग्रेस ने सदन में पेश आर्थिक सर्वेक्षण पर केंद्र की खिंचाई की
कांग्रेस ने सदन में पेश आर्थिक सर्वेक्षण पर केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई की। पार्टी ने कहा कि सर्वेक्षण में कारोबारी सुगमता 2.0 की बात कही गई है, लेकिन इसमें नए वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) 2.0 और पिछले 10 साल से जारी कर आतंकवाद को समाप्त करने का कोई जिक्र नहीं है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “वित्त मंत्रालय का आर्थिक सर्वेक्षण वांछित नीतियों की अपेक्षा सूची होता है और अवांछित नीतियों के बारे में चेतावनी। नए आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार के विचार करने के लिए काफी कुछ है। उन्होंने कहा कि सर्वे बताता है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) ग्रामीण गरीबों के लिए जीवनरेखा है और यह स्थायी आजीविका के लिए टिकाऊ ग्रामीण परिसंपत्ति निर्माण कार्यक्रम के रूप में विकसित हुई है।” कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वे मनरेगा को समाप्त करने पर क्यों तुली है।

आर्थिक सर्वेक्षण मोदी सरकार पर तगड़ा अभियोग : चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की आर्थिक सर्वेक्षण की प्रस्तावना मोदी सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ तगड़ा अभियोग है। चिदंबरम ने कहा कि इस सरकार और इसकी हथियारबंद एजेंसियों पर कोई भरोसा नहीं करता है।नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किए जाने के बाद एक के बाद एक कई सोशल मीडिया पोस्ट में चिदंबरम ने लिखा, मुख्य आर्थिक सलाहकार की तैयार आर्थिक समीक्षा 2024-25 की प्रस्तावना पढ़कर मैं आनंदित हूं। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के शुरुआती 10 पाराग्राफ में चुनौतियों का सामना कर रहे अमेरिका और यूरोप के जिक्र के बाद अगले 10 पाराग्राफ में भारतीय अर्थव्यवस्था की दशा का वर्णन है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार और अब तक की उसकी नीतियों पर यह जोरदार अभियोग है।