नईदिल्ली : महाकुंभ 2025 में भले ही यूपी सरकार शुरू से ही सारी व्यवस्थाओं के चाक-चौबंद होने की बात कह रही थी लेकिन मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ से असलियत कुछ और ही जाहिर हुई है. इसे लेकर कई संतों में नाराजगी है तो कई संत इसे एक दुर्घटना मान रहे हैं. हालांकि इस पर बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने खुलकर विचार रखे हैं. उन्होंने विरोध प्रकट किया है और नाराजगी जाहिर करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि भगदड़ जैसी हृदयविदारक घटना को छिपाना ठीक नहीं था ऐसे में सीएम को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि लोगों ने सरकार के दावों पर भरोसा कर लिया था. सरकार ने महाकुंभ से पहले कहा था कि अंदाजन 42 करोड़ लोग महाकुंभ में आने वाले हैं और सरकार ने 100 करोड़ लोगों तक की व्यवस्था कर ली है. मौनी अमावस्या से इन व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है. उन्होंने कहा कि अगर 100 करोड़ की व्यवस्था थी और 40 करोड़ ही आए हैं तो फिर अव्यवस्था कैसे हो गई? अगर 140 करोड़ आते तो माना जा सकता था कि ओवर क्राउडेड हो गया है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह बहुत पीड़ाजनक बात है कि हमारे सीएम ने इतनी बड़ी घटना को एक दो नहीं बल्कि 18 घंटे तक छिपाकर रखा. इसके बाद भी लोगों के मौत के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं. सीएम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें. शंकराचार्य बोले कि जब तक सीएम ने स्पष्ट नहीं किया तब तक उन्हें यह लग रहा था कि सभी बातें अफवाह ही हैं और सरकार की व्यवस्थाओं को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. हालांकि 18 घंटे बाद सीएम ने ही हादसे और लोगों की मौत की बात कबूल की थी.
संत नहीं हैं सीएम योगी, इस्तीफा दें
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सीएम योगी कोई संत नहीं हैं. अगर वो संत होते तो लोगों की मौत जैसी पीड़ादायत दुर्घटना को छिपाते नहीं. संत छिपाते कुछ नहीं हैं वह सामने आकर स्वीकार करते हैं. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सीएम योगी को इतनी बड़ी घटना के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए और उनकी जगह पर किसी काबिल व्यक्ति को सीएम बनाना चाहिए.
6 जगह हुईं घटनाएं
शंकराचार्य ने कहा कि घूंसी की घटना का कहीं जिक्र ही नहीं किया गया है. शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें पुलिस अधिकारी ने बताया है कि 1-2 नहीं बल्कि 6 जगहों पर भगदड़ जैसे हालात बने थे. कितने लोग मारे गए इस पर उनका कहना था कि अधिकारिक आंकड़ा 30 है. शंकराचार्य ने कहा कि मृतकों की सही संख्या भी अभी तक छिपाई जा रही है. हालांकि अभी तक 49 लोगों की मौत की बात सामने आई है जिसमें 25 लोगों की शिनाख्त की जा चुकी है जबकि 24 लोग अभी भी अज्ञात हैं.
शंकराचार्य ने कहा कि जो संत कह रहे हैं कि भगदड़ में मारे गए लोग मोक्ष को प्राप्त हुए हैं, उन संतों को भी गंगा में धक्का देकर मोक्ष दे देना चाहिए. क्या वह इसके लिए तैयार हैं? उन्होंने कहा कि जो बच्चे-महिलाएं और बुजुर्ग कुचले गए और तड़प-तड़पकर मरे हैं उनके लिए कह देना कि मोक्ष प्राप्त हो गया बहुत सरल है. सरकार को सीसीटीवी जारी करना चाहिए या सभी को एक्सेस दे देना चाहिए ताकि सच सामने आ सके.