नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दर्ज एफआइआर की संख्या का विवरण मांगा है। रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने पंजाब पुलिस से बिश्नोई के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों की संख्या वाला चार्ट तैयार करने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए 13 सितंबर को सूचीबद्ध किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि बिश्नोई 13 जून से किन प्राथमिकियों के तहत हिरासत में है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि बिश्नोई को लेकर पुलिस की क्या योजना है। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि बिश्नोई ने यदि कुछ गलत किया है तो उसे परिणाम भुगतने ही होंगे। अदालत लॉरेंस बिश्नोई के पिता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पंजाब पुलिस को ट्रांजिट रिमांड दिए जाने को चुनौती दी गई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के भाजपा नेता जगजीत सिंह की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था जिसमें सिद्धू मूसे वाला की हत्या के मामले की जांच सीबीआई के हवाले किए जाने की मांग की गई थी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जून में पंजाब पुलिस को सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के सिलसिले पंजाब पुलिस को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांजिट आवेदन की भी अनुमति दी थी।
वहीं पंजाब पुलिस की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि अदालत में लॉरेंस बिश्नोई गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या का प्रमुख साजिशकर्ता है। इस हत्याकांड की जांच के दौरान गिरफ्तार आरोपियों के बयान दर्ज किए गए थे। इन बयान से स्पष्ट संकेत मिलता है कि लॉरेंस बिश्नोई ने सह-आरोपियों को सिद्धू मूसे वाला की हत्या को अंजाम देने का काम सौंपा था। मालूम हो कि अज्ञात हमलावरों ने पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके गांव में 29 मई को सिद्धू मूसे वाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी।