छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच अटकी, सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल दो महीने और बढ़ाया, नक्सलियों ने 2019 में की थी हत्या

रायपुर I भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या मामले की न्यायिक जांच चार साल में भी पूरी नहीं हो पाई है। सरकार ने अब न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल दो महीनों के लिए फिर से बढ़ा दिया है। अब न्यायमूर्ति सतीश के. अग्निहोत्री आयोग को 7 नवम्बर 2022 तक जांच पूरी करने को कहा गया है।

भाजपा के आदिवासी नेता और दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी पर नक्सलियों ने 9 अप्रैल 2019 को श्यामागिरी गांव के पास हमला किया था। आईईडी धमाके से मंडावी का बुलेटप्रुफ वाहन उड़ा दिया गया था। बाद में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले में विधायक भीमा मंडावी, उनका ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए। इस हत्याकांड के दो दिन बाद यानी 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिये मतदान होना था। शुरुआती जांच में सामने आया कि पुलिस ने विधायक को बार-बार उस रास्ते से ना जाने को कहा था। पुलिस अधिकारियाें का कहना था, उस रास्ते को सुरक्षित नहीं किया जा सका था, ऐसे में विधायक का वहां से गुजरना खतरनाक हो सकता था। चुनाव प्रचार के लिए निकले भीमा मंडावी ने अपना परिचित क्षेत्र होने की वजह से पुलिस की चेतावनी की अनदेखी की। भीमा मंडावी को श्रद्धांजलि देकर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने का फैसला किया। 8 मई 2019 को सरकार ने सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति सतीश के. अग्निहोत्री की अध्यक्षता वाला एकल न्यायिक जांच आयोग गठित कर दिया। तबसे मामले की जांच जारी है।

NIA भी कर रही है जांच, रिपोर्ट अब तक नहीं

इस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण-NIA भी जांच कर रही है। इस मामले में NIA की एंट्री 17 मई 2019 को ही हो गई थी। बाद में जांच एजेंसी ने घटना स्थल का दौरा कर कुछ तथ्य इकट्‌ठा किए थे। स्थानीय पुलिस ने तब तक हुई जांच और घटनास्थल से बटोरे साक्ष्य NIA को सौंप दिए थे। बाद में NIA ने अपना ध्यान मोबाइल कॉल डीटेल आदि पर फोकस किया। उसके आधार पर कई लोगों से पूछताछ हुई, लेकिन कोई महत्वपूर्ण लीड नहीं मिली। जांच अब भी अधूरी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों NIA मुख्यालय के उद्घाटन समारोह में कह दिया था कि झीरम कांड और भीमा मंडावी की हत्या की जांच अब भी अधूरी है।

2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी के दौरान 9 अप्रैल को दंतेवाड़ा के नकुलनार के पास आईईडी ब्लास्ट में भीमा मंडावी और उनके ड्राइवर समेत तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। हाल ही में इस सीट पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस को जीत मिली, भीमा की पत्नी ओजस्वी को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा था।