छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : पूर्व CM बोले- हम करेंगे कर्मचारियों की चिंता, रमन सिंह पहुंचे आंदोलन कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मियों से मिलने, साथ देने का वादा

रायपुर I सोमवार को राजधानी रायपुर में बड़ी तादाद में अनियमित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के अलग-अलग संगठन जुटे। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों कर्मचारी रायपुर पहुंचे थे। सभी की एक मांग थी नियमितीकरण और वेतन विसंगति को दूर किया जाए।

प्रशासन से सीधी टक्कर ले रहे इन कर्मचारियों के बीच भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन दिया । छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले चल रहे धरना प्रदर्शन के पीछे जाकर कर्मचारियों से बातचीत की है।

रमन सिंह बोले- जारी रखिए संघर्ष

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा- गंगा और गीता हाथों में लेकर 10 दिन में कर्मचारियों की मांग पूरा करने का वादा कांग्रेसियों ने किया था। लेकिन अब भूल गए हैं। हम कांग्रेस को वही वादे याद दिलाने के लिए आए हैं। इसके साथ ही कहा कि, भाजपा की जब सरकार बनी तो मैंने 52 विभागों के 40 हजार कर्मचारियों को रेगुलर करने का काम किया था। आज मैं कहना चाहता हूं आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है आप अपनी एकता से आंदोलन करें, जब प्रदेश में भाजपा सरकार आएगी सबसे पहले चिंता आपकी करने वाली है। अपनी मांग पूरी होने तक संघर्ष जारी रखिए।

कर्मचारी कांग्रेस से नाराज
छत्तीसगढ़ संयुक्त नियमित कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी दिनेश शर्मा ने कहा कि, 2018 के विधानसभा चुनावों के वक्त कांग्रेस के बड़े नेता हमारे मंचों पर आए और कहा था कि सरकार बनने के बाद 10 दिन के भीतर कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। 4 साल बीतने के बाद भी हमारी मांग अधूरी है। हम आने वाले चुनावों में कांग्रेस का साथ नहीं देने वाले।

धरना स्थल पर 3 हजार से अधिक कर्मचारी
सोमवार को धरना स्थल पर 3 हजार से अधिक लोगों की भीड़ नजर आई। छत्तीसगढ़ संयुक्त कर्मचारी महासंघ, शासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारी संघ, शासकीय औपचारिक शिक्षक संघ, रसोईया संघ जैसे 10 से अधिक संगठनों के हजारों कर्मचारी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए । प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री निवास घेराव करने के लिए भी धरना स्थल से आगे बढ़ रहे थे, मगर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। कुछ देर तक पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की धक्का-मुक्की भी होती रही। करीब 3 से 4 घंटे तक चले बवाल के बाद मामला शांत हुआ। इनमें से कुछ संगठनों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहेगा।