छत्तीसगढ़

चुनाव में EVM पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) के इस्तेमाल पर रोक वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में EVM मशीनों पर रोक लगा मतपत्र के इस्तेमाल की मांग की गई है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने सीआर जया सुकिन द्वारा दायर इस याचिका को खारिज कर दिया।

दरअसल यह याचिका पहले दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई थी जिसे खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने 3 अगस्त,2021 को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसे आज खारिज कर दिया गया।

याचिका में कहा गया, ‘लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें देश की चुनाव प्रक्रिया में मतपत्रों को लाना जरूरी है। EVMs ने भारत में मतपत्रों की जगह ली जबकि इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड्स और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने EVMs के इस्तेमाल पर रोक लगा दी।’

याचिका में संविधान के अनुच्छेद 325 का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया कि चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराया जाना चाहिए ताकि मतदाताओं की रुचि स्पष्ट हो। एडवोकेट ने अपनी याचिक में बताया कि आगामी चुनावों में EVMs को पारंपरिक मतपत्रों से बदला जाना चाहिए क्योंकि मतपत्रों के जरिए वोटिंग की प्रक्रिया कहीं अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी है। एडवोकेट ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि अमेरिका, जापान, जर्मनी जैसे अन्य विकसित देशों में चुनाव के दौरान EVMs के इस्तेमाल को खारिज कर दिया गया है और वोटिंग के लिए बैलट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। याचिकाकर्ता ने आगे कहा, ‘इससे यह स्पष्ट होता है कि देश में चुनावी प्रक्रिया के लिए EVMs संतोषजनक जरिया नहीं है। EVMs को हैक करना आसान है लेकिन बैलट सिस्टम अत्यधिक सुरक्षित है।’