नईदिल्ली I सायरस मिस्त्री की मौत ने भारतीय सड़कों पर अक्सर अनदेखा कर दिए जाने वाले सुरक्षा पहलुओं पर बहस को एक बार फिर शुरू कर दिया है। इस बार बहस खास तौर पर पीछे बैठने वाले यात्रियों की सुरक्षा को तवज्जो दे रहा है। माना जाता है कि मिस्त्री की मौके पर ही मौत के कारणों में से मर्सिडीज जीएलसी की पिछली सीटों पर सीट बेल्ट के बारे में उनकी अज्ञानता थी। इस दुखद घटना ने केंद्र को सीट बेल्ट और सीट बेल्ट वार्निंग सिस्टम पर अपने नियम पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) जल्द ही सीट बेल्ट वार्निंग अलार्म को रोकने के लिए सभी मैकेनिज्म पर प्रतिबंध लगा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को पालघर में सड़क दुर्घटना में सायरस मिस्त्री की मौत के बाद मंत्रालय चार अहम फैसले लेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय सीट बेल्ट बीप अलार्म स्टॉपर्स पर प्रतिबंध लगाएगा, कारों में छह एयरबैग और कार निर्माताओं के लिए मध्य और पीछे की सीटों के लिए तीन-बिंदु सीट बेल्ट अनिवार्य करेगा और कार के फ्रंट सीट बेल्ट और रियर सीट बेल्ट की अहमियत पर जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाएगा। मंत्रालय नई सड़कों के लिए डिजाइन प्रस्तावों की कड़ाई से समीक्षा कर सकता है और निर्धारित मानकों में नाकाम रहने वालों पर दंड के साथ सख्त कार्रवाई कर सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम उसी के लिए आदेश तैयार कर रहे हैं और प्रक्रिया जारी है। इस तरह के सभी प्रकार के सीट बेल्ट क्लिप पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा।”
भारत में कारें ज्यादातर सामने बैठने वालों के लिए सीट बेल्ट चेतावनी प्रणाली के साथ आती हैं। कुछ कारें आगे बढ़ना भी बंद कर देती हैं अगर उन्हें पता चलता है कि सामने वाले यात्रियों ने सीट बेल्ट नहीं पहनी है। हालांकि, पीछे के यात्रियों के लिए ऐसी कोई चेतावनी प्रणाली नहीं है। सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर्स क्लिप होते हैं जो सीट बेल्ट लगाने के बाद बीप करना बंद कर देते हैं।
केंद्र के इस कदम की पुष्टि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की। उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसी सीट बेल्ट स्टॉपर क्लिप के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। मैं अपने राजमार्गों पर लगे कैमरों के दायरे का विस्तार करने पर भी काम कर रहा हूं ताकि कार के अंदर सीट बेल्ट नहीं पहनने वालों का पता लगाया जा सके और उन पर ऑटोमैटिक रूप से मुकदमा चलाया जा सके।”
टाटा मोटर्स के पूर्व चेयरमैन का दुखद निधन के मद्देनजर उन्होंने कहा, “लोग सोचते हैं कि पीछे बैठने वालों को बेल्ट की जरूरत नहीं है। यह समस्या है। मैं किसी भी दुर्घटना पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन आगे और पीछे बैठने वालों दोनों को सीट बेल्ट पहनने की जरूरत है।” उनके मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में एक मसौदा अधिसूचना जारी कर 1 अक्तूबर से कारों के अंदर 6 एयरबैग अनिवार्य करने पर विचार मांगा था, जिन कारों में आठ लोग सवार हो सकते हैं। हालांकि, कई कार निर्माताओं द्वारा इस कदम की व्यवहार्यता पर सवाल उठाए जाने के बाद अभी तक एक औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
फरवरी में, गडकरी ने कहा था कि उनका मंत्रालय वाहनों में सामने वाले सभी यात्रियों के लिए तीन-बिंदु सीट बेल्ट अनिवार्य कर देगा। वर्तमान में, अधिकांश कारों में पीछे की पिछली सीटों में तीन-बिंदु बेल्ट नहीं होते हैं और अक्सर सेफ्टी क्रैश टेस्ट के दौरान कम स्कोर का कारण होते हैं।