छत्तीसगढ़

F-16 के लिए PAK को करोड़ों देगा US, फैसले से भारत खुश नहीं, जताई नाराजगी

नईदिल्ली I पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा मजबूत करने के लिए अमेरिका द्वारा दी गई फाइनेंशियल मदद पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है. अमेरिका की बाइडेन गवर्नमेंट ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के पुराने F-16 लड़ाकू विमान के रखरखाव के लिए 450 मिलियन डॉलर (45 करोड़ डॉलर) के पैकेज को मंजूरी दी है. भारत बाइडेन प्रशासन के इस फैसले से खासा खफा है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने ऐसा करने से पहले भारत से कोई बातचीत नहीं की और ना ही इस फैसले के बारे में कोई जानकारी साझा की.

भारत और पाकिस्तान के बीच अलग-अलग मुद्दों को लेकर तनातनी चलती रहती है. पड़ोसी मुल्क से आतंकवादी गतिविधियां भी भारत के लिए इन दिनों बड़ी परेशानी का सबब बनी हुईं हैं. ऐसे में भारत के संज्ञान में ये बात लाए बिना अमेरिका द्वारा फाइटर जेट के लिए पैकेज का ऐलान करना बड़ा झटका देने वाला है. दरअसल, बाइडेन सरकार ने इस फैसले के जरिए साल 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय को पलट दिया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को सुरक्षा मदद देने से साफ इनकार कर दिया था और कहा था कि पाक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की कोई मदद नहीं कर रहा.

दोनों देशों से अच्छे रहने चाहिए संबंध- अमेरिका

पाकिस्तान को दी गई मदद के खिलाफ भारत के कड़े स्वर पर अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के संबंध अलग-अलग हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि दो देशों के बीच अगर संबंध ठीक नहीं हैं, तो हमारे भी उन दोनों देशों में से एक से संबंध ठीक तो दूसरे से खराब रहने चाहिए. अमेरिका के भारत और पाकिस्तान दोनों से संबंध अच्छे रहने चाहिए.

इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी के एक अधिकारी डोनाल्ड लु ने बताया कि पाक को दी गई मदद में कोई एयरक्राफ्ट या कोई हथियार शामिल नहीं है. ये मदद पाकिस्तान को सिर्फ इसलिए दी गई है, ताकि वो अपने सुरक्षा हथियारों की मेंटेनेंस कर सके. अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान इस राशि के जरिए अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगा. इससे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को बल मिलेगा.

भारत ने जताया विरोध

देश के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने अमेरिका के इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि अमेरिका ने राशि मुहैया कराकर पाकिस्तान के फाइटर जेट F-16 को मजबूत करने की कोशिश की है. इससे भारत और अमेरिका के मध्य संबंधों को बड़ा झटका लगा है. अमेरिका के इस फैसले से उसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं. पाकिस्तान पहले से ही चीन का घनिष्ट दोस्त है. 47 फिसदी हथियार वो चीन से खरीदता है. पाकिस्तान ने बालाकोट स्ट्राइक के दौरान भारत के खिलाफ इसी लड़ाकू विमान (एफ-16) का इस्तेमाल किया था.