नईदिल्ली I वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले पर कल 12 सितंबर को फैसला आएगा. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत मुकदमे की पोषणीयता यानी मुकदमा चलने योग्य है या नहीं, इस बात पर फैसला सुनाएगी. फैसला आने से पहले वाराणसी का प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. आज वाराणसी कमिश्नरेट की सुरक्षा समीक्षा को लेकर बैठक की गई. इस बैठक में कानून व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने को लेकर तैयारियों पर चर्चा हुई.
कमीश्नरेट एरिया में धारा-144 लागू
बैठक में सभी धर्मगुरुओं एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. पूरे कमिश्नरेट एरिया में धारा-144 भी लागू कर दी गई है. इसी के साथ संवेदनशील इलाकों में एरिया डॉमिनेशन के तहत फ्लैग मार्च एवं फुट पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं.
सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त!
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले को लेकर वाराणसी में पूरी तरह से सुरक्षा के प्रबंध कर दिए गए हैं. इंटर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर्स पर चेकिंग और अलर्टनेस बढ़ाई गई है. इसी के साथ प्रशासन ने होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस में भी चेकिंग अभियान चलाया है. सोशल मीडिया पर भी लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
क्या है पूरा विवाद?
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में कोर्ट ने 12 सितंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो चुकी है. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे अलग-अलग कोर्ट में लंबित हैं.
इस मामले में तत्कालीन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे का आदेश जारी किया था. इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का सर्वे किया गया था. इसी सर्वे के बाद मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग के होने का दावा किया गया. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया. इस मामले में विवाद इतना बढ़ गया कि सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई.