जशपुर I छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में मंगलवार शाम अपने दल से बिछड़ गए जिस नन्हे हाथी को वन विभाग ने रेस्क्यू किया था, वो बुधवार की सुबह फिर से समडमा गांव पहुंच गया। गांववालों ने उसे दिनभर पंचायत भवन में रखा और उसकी देखभाल की। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम बस्ती में पहुंची और दोबारा इस बेबी एलीफैंट को उसके दल के पास छोड़ दिया। इसका दल तपकरा वन परिक्षेत्र के आरएफ क्रमांक 875 में है।
इससे पहले जब मंगलवार को बेबी एलीफैंट अपने झुंड से बिछड़कर समडमा बस्ती में पहुंच गया था, तब गांववालों और बच्चों ने उसके साथ खूब मस्ती भी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। गांववाले नन्हे हाथी के पैर में रस्सी बांधकर उसके साथ खेल रहे थे। उसे पूरे गांव में भी घुमाया जा रहा था। जब ये वीडियो वायरल हुआ, तब जाकर वन विभाग को इसकी खबर मिली थी। तब विभाग ने मौके पर पहुंचकर नन्हे हाथी को रेस्क्यू किया था।इसके बाद उसकी मेडिकल जांच कर उसे दल के पास छोड़ दिया गया था। नन्हे हाथी को वन विभाग द्वारा बचाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया है।
DFO जितेंद्र उपाध्याय ने जानकारी दी कि तपकरा वन परिक्षेत्र में फिलहाल 33 हाथियों का दल है। सोमवार-मंगलवार दरम्यानी रात को जब ये दल ईब नदी पार कर रहा था, तो इस दौरान उसमें जलस्तर अधिक होने से नन्हा हाथी बहकर समडमा गांव पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि बाद में वन विभाग की टीम ने नन्हे हाथी को उसके दल से मिला दिया, लेकिन वो बुधवार सुबह फिर से समडमा बस्ती में पहुंच गया।
DFO ने बताया कि इसके बाद गांववालों ने उसे पंचायत भवन में बंद कर दिया और इसकी सूचना दोबारा वन विभाग को दी। उन्होंने कहा कि बेबी एलीफैंट ने बस्ती का रास्ता देख लिया है, इसलिए वो दोबारा यहां तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि हाथी एक महीने का है और मेडिकल जांच में स्वस्थ पाया गया है।
SDO नवीन कुमार, DFO जितेंद्र उपाध्याय समेत वन विभाग की टीम ने हाथी को रेस्क्यू किया। उन्होंने बताया कि मंगलवार को जब शावक को उसके दल के करीब जाकर छोड़ा, तो मादा हाथी ने दौड़कर वहां आई और बच्चे को सूंड में लपेटकर उठा लिया। ये संकेत था कि उसने दोबारा शावक को दल में शामिल कर लिया है। उसके बाद वो वापस लौट गए थे। इधर ग्रामीणों का कहना है कि नन्हा हाथी दोबारा बस्ती पहुंच गया है, हो सकता है कि वो दिनभर इंसानों के बीच रहा, इसलिए उसका दल उसे अपना नहीं रहा।