मुंबई I महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग्स अथॉरिटी ने एक बहुत बड़ी कार्रवाई की है. एफडीए ने शुक्रवार (16 सितंबर) को दुनिया की बहुत बड़ी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर बनाने का लाइसेंस रद्द कर दिया है. यह कार्रवाई जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के मुंबई में मौजूद मुलुंड के प्लांट के खिलाफ की गई है. इसकी वजह बताया गया है कि कंपनी के प्रोडक्ट्स जो पुणे और नाशिक से जमा किए गए थे उनका स्टैंडर्ड आवश्यक मानक के बराबर नहीं था.
यानी आसान भाषा में मुंबई के प्लांट से बने बेबी पाउडर जो नाशिक और पुणे भेजे गए थे, वे घटिया दर्जे के पाए गए.
महाराष्ट्र FDA ने दुनिया की मशहूर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की ये वजहें बताई
एफडीए ने अपनी कार्रवाई के संदर्भ में दो प्रेस नोट प्रकाशित किया है, उसमें कहा गया है कि जब एफडीए की महाराष्ट्र यूनिट ने पुणे और नाशिक से जॉनसन्स एंड जॉनसन्स के बेबी पाउडर के सैंपल्स कलेक्ट कर इसका स्टैंडर्ड चेक किया तो वे स्टैंडर्ड क्वालिटी के नहीं पाए गए. प्रेस नोट में कहा गया है कि ये सैंपल इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के 5339: 2004 (दूसरे संशोधित अंक 3) के मुताबिक सही नहीं पाए गए.
FDA ने कंपनी के खिलाफ जारी किया कारण बताओ नोटिस
इतना ही नहीं, एफडीए ने कंपनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. कंपनी से घटिया दर्जे के प्रोडक्ट बाजार में लाने की वजह पूछी गई है और कहा गया है कि वे बाजार में इस वक्त में उपलब्ध प्रोडक्टस को वापस मंगवाए.
जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड ने सरकारी रिपोर्ट को खारिज किया
जॉनसन्स एंड जॉनसन्स प्राइवेट लिमिटेड, मुलुंड, मुंबई ने सरकारी रिपोर्ट को खारिज कर दिया और इस रिपोर्ट को कोर्ट में चुनौती दी. लेकिन आखिर में एफडीए ने एक फाइनल रिपोर्ट पेश की और यह साफ किया कि कंपनी के सैंपल्स इंटरनेशनल स्टैंडर्ड 5339: 2004के मानक के मुताबिक नहीं हैं.
शिशुओं के शरीर में लगाने के लिए किया जाता है इस्तेमाल
बिलकुल छोटी उम्र के बच्चों के शरीर में लगाने के लिए जॉनसन्स बेबी पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इसके सैंपल्स स्तरीय नहीं पाए गए हैं और ऐसा पाया गया कि यह पाउडर छोटे बच्चों के स्किन पर बुरा असर डाल रहा है.