नईदिल्ली I एजुकेशन गहरे संकट में है. एजुकेशन समाज को बदलने वाला होने के बजाय तेजी से इसे बांटने वाला बन रही है.’ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनिया गुतारेस ने चेतावनी देते हुए ये बात कहीं. दरअसल, UN Chief ने एजुकेशन पर एक स्पेशल शिखर सम्मेलन बुलाया. इस सम्मेलन में एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में एजुकेशन में असमानता देखने को मिल रही है, जो तेजी से दुनिया को बांटने का काम कर रही है. एजुकेशन को लेकर United Nations प्रमुख द्वारा दी गई ये चेतावनी बताती है कि दुनिया को अब इस दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है.
एंटोनियो गुतारेस ने चेतावनी दी कि कोविड-19 महामारी का सीखने पर खतरनाक प्रभाव देखने को मिला है. गरीब स्टूडेंट्स को टेक्नोलॉजी तक पहुंच हासिल नहीं हुई है, जो खासतौर पर एक बड़ा नुकसान साबित हुआ है. इसके अलावा, दुनियाभर में हुए विवादों ने भी पढ़ाई में अड़चनें पैदा की हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उठ रहीं उंगलियों के बीच गुतारेस ने सभी देशों से अपील की कि वे हर स्टूडेंट पर खर्च को बढ़ाने की प्राथमिकता दें. इस महीने की शुरुआत में आई एक रिपोर्ट में यूएन डेवलपमेंट प्रोग्राम ने कहा कि कोविड ने मानवता के विकास को पांच साल पीछे धकेल दिया है.
अफगान लड़कियों की एजुकेशन पर लगा बैन तुरंत हटे: UN चीफ
यूएन चीफ गुतारेस ने अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार की भी आलोचना की. अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर वापसी करने वाले तालिबान ने एक लाख बच्चियों को स्कूली शिक्षा से दूर रखा है. उन्होंने कहा, ‘मैं अफगानिस्तान के अधिकारियों से कहता हूं, सेकेंडरी एजुकेशन हासिल करने के लिए लड़कियों पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों को तुरंत हटाया जाए.’ सम्मेलन में बोलते हुए अफगानिस्तान की रोबोटिक्स टीम का हिस्सा रहने वाली सोमाया फारूकी ने कहा कि तालिबान धीरे-धीरे समजा में हमारी मौजूदगी को मिटा रहा है.
स्कूल खोलने का वादा धरा का धरा रह गया
सोमाया ने कहा, ‘हजारों लड़कियां फिर कभी स्कूल लौट नहीं पाएंगी. अधिकतर की शादी कर दी गई होगी. स्कूलों को फिर से खोलने का वादा किया गया और फिर ये वादा धरा का धरा रह गया.’ दुनियाभर के नेताओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा, ‘आपको उन लोगों को नहीं भूलना चाहिए, जो पीछे छूट गए, जो इतने भी भाग्यशाली नहीं हैं कि स्कूल जा सकें. मेरे साथ और उन लाखों अफगान लड़कियों के साथ एकजुटता दिखाएं.’