नईदिल्ली I ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद ‘हिजाब’ को लेकर आक्रोश तेज हो गया है. सड़क पर आगजनी की जाने लगी हैं. गाड़ियों को आग के हवाले किया जा रहा है. पुलिस थानों में आग लगाई जा रही है. यहां तक कि प्रदर्शन के दौरान महिलाएं हिजाब को भी भस्म कर रही हैं. अमीनी की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद गुस्से की आग पूरे देश में फैल गई है. बताया जा रहा है कि कम से कम 50 शहर विरोध प्रदर्शन का दंश झेल रहे हैं. एक ओर जहां पूरा तेहरान ‘हिजाब’ के खिलाफ एकजुट हो गया है, तो वहीं दूसरी ओर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने एक इंटरव्यू में शामिल होने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि महिला एंकर ने ‘हिजाब’ पहनने का उनका सुझाव नहीं माना.
दरअसल, अमेरिका में एक अनुभवी महिला न्यूज़ एंकर के साथ रायसी का इंटरव्यू निर्धारित था. ये इंटरव्यू न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाला था. राष्ट्रपति इब्राहिम का इंटरव्यू सीएनएन की क्रिस्टियन अमनपुर लेने वाली थीं, जो ईरानी मूल की हैं. हालांकि आखिरी वक्त पर राष्ट्रपति ने इंटरव्यू में आने से इनकार कर दिया, क्योंकि ब्रिटिश-ईरानी जर्नलिस्ट क्रिस्टियन सिर ढकने के लिए राज़ी नहीं हुईं. ट्विटर पर इस बारे में बताते हुए क्रिस्टियन ने कहा, ‘कई हफ्तों की प्लानिंग, आठ घंटे तक लाइट, कैमरे और ट्रांसलेशन इक्विपमेन्ट सेट करने के बाद हम पूरी तरह से तैयार थे, लेकिन इंटरव्यू से ठीक 40 मिनट पहले राष्ट्रपति इब्राहिम का एक सहयोगी आया, उसने मुझसे कहा कि राष्ट्रपति ने मुझे हेडस्कार्फ पहनने को कहा है, क्योंकि मुहर्रम और सफर का पवित्र महीना चल रहा है.’
‘कभी किसी राष्ट्रपति ने ऐसा नहीं कहा’
अमनपुर ने आगे कहा, ‘मैंने ऐसा करने से विनम्रता से मना कर दिया. हम न्यूयॉर्क में हैं, जहां हेडस्कार्फ से जुड़ा कोई कानून या परंपरा नहीं है. मैंने उसे (सहयोगी को) बताया कि ईरान के किसी भी राष्ट्रपति ने कभी उनसे ईरान के बाहर इंटरव्यू में हेडस्कार्फ पहनने को नहीं कहा. बताया जा रहा है कि अमेरिका में रायसी का ये पहला इंटरव्यू था, जो नहीं हो सका. बता दें कि ईरान में प्रदर्शनों की शुरुआत देश की मोरेलिटी पुलिस द्वारा सख्ती से लागू किए गए ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार युवती महसा अमिनी की मौत पर आक्रोश का नतीजा है.
प्रदर्शन में 10 से ज्यादा लोगों की मौत
अमिनी की मौत पर अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की है. पुलिस का कहना है कि उसकी मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी और उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था, लेकिन उसके परिवार ने इस बारे में संदेह जताया है. संयुक्त राष्ट्र से जुड़े स्वतंत्र विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि मोरेलिटी पुलिस ने उसे बिना सबूत पेश किए बुरी तरह पीटा था. उन्होंने दोषियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है. देश में फैले प्रदर्शन में 10 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है.