मुंबई I महाराष्ट्र के पुणे में पीएफआई(PFI) के कुछ समर्थकों द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के बाद से राजनीति तेज हो गई है। इस मामले में अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे भी कूद पड़े हैं। उन्होंने आरोपियों को खुली चेतावनी दी और कहा कि संभल जाओ नहीं तो अगर अगर हिंदू इस मामले को अपने हाथ में लेने का फैसला करते हैं, तो त्योहार के दौरान अशांति हो जाएगी। अगर हम तय कर लें तो तुम बदमाशों का अंजाम क्या होगा ये सोच भी नहीं सकते। उन्होंने कहा कि मुझे ये सब बोलने के लिए मत उकसाओ। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि इन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को तुरंत समाप्त करना बेहतर होगा।
आप पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाएंगे तो हिंदू चुप नहीं रहने वाले: राज ठाकरे
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने एक ट्वीट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को टैग करते हुए लिखा कि अगर हमारे पुणे शहर में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ ‘अल्लाहु अकबर’ जैसे नारे लगने वाले हैं, तो हमारे देश के हिंदू चुप नहीं रहने वाले हैं। बल्कि बेहतर है कि देश विरोधी तत्वों की इस बीमारी को तत्काल खत्म कर दिया जाए।
अपना धर्म लो और पाकिस्तान चले जाओ: राज ठाकरे
कथित तौर पर नारे लगाने वालों के लिए राज ठाकरे ने कहा कि अगर उनकी मानसिक स्थिति ऐसी है, तो अपना धर्म लें और पाकिस्तान चले जाएं। हमारे देश में इस तरह के नाटक की अनुमति नहीं दी जाएगी। मैं केंद्र और राज्य के गृह मंत्रियों से ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं। यदि नहीं, तो हमारे देश के हिंदू चुप नहीं रहेंगे। आगे क्या हो सकता है, मैं इसके विवरण में नहीं जाना चाहता।
भाजपा ने जारी किया था पीएफआई समर्थकों का वीडियो
वीडियो का हवाला देते हुए, भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक पीएफआई विरोध रैली में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए थे। वहीं पुणे पुलिस ने कहा कि वे पहले वीडियो की पुष्टि करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। यह विरोध टेरर फंडिंग के आरोपों पर पीएफआई नेताओं पर एनआईए-ईडी-राज्य पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के खिलाफ था।
पीएफआई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इन धाराओं में मामले दर्ज
वहीं आरोप के बाद पीएफआई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 141, 143, 145, 147,149 (सभी गैरकानूनी विधानसभा से संबंधित), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 341 (गलत संयम) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।