छत्तीसगढ़

Twitter का बड़ा बयान: सरकार ने उन अकाउंट को भी ब्लॉक करने के आदेश दिए, जिन्होंने गलत ट्वीट नहीं किए

नईदिल्ली I माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) ने बड़ा बयान दिया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर की उस याचिका पर सोमवार सुनवाई की जिसमें कुछ अकाउंट, यूआरएल और ट्वीट को ब्लॉक करने संबंधी केंद्र सरकार के आदेशों के खिलाफ ट्विटर कोर्ट पहुंचा था। ट्विटर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन किए जाने और ट्वीट हटाने के लिए सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। ट्विटर की इस याचिका पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक सितंबर को 101 पन्नों का एक बयान दाखिल किया था।

कोर्ट में ट्विटर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दतार ने कहा कि ट्विटर भारत में सरकार से सभी नियमों का पालन कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ट्विटर को बिना कारण बताए और बिना यूजर को जानकारी दिए अकाउंट या ट्वीट को ब्लॉक या डिलीट करने का आदेश देती है जिससे उसका भारत में कारोबार प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि कई बड़ी हस्तियों के अकाउंट ट्विटर पर हैं।

अरविंद दतार ने दिल्ली में हुई किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि मीडिया में चल रही खबरों को भी ट्विटर पर ब्लॉक करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि जब टीवी और प्रिंट मीडिया खबरें प्रकाशित कर रही हैं तो ट्विटर को उसी खबर को शेयर करने वाले अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए क्यों कहा गया? दतार ने कोर्ट से कहा कि सरकार को इस तरह के आदेश जारी करने से पहले ट्विटर को नोटिस जारी किया जाना चाहिए था और उनका भी पक्ष सुनना चाहिए।

दतार ने कहा कि ट्विटर खुद ही आपत्तिजनक ट्वीट को फ्लैग कर देता है और जरूरत होने पर अकाउंट को भी ब्लॉक कर देता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिन ट्वीट को ‘ब्लॉक’ करने को कहा था उनमें से 50 से 60 फीसदी ट्वीट ‘‘अहानिकारक’’ हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 अक्तूबर को हो सकती है।