छत्तीसगढ़

असली शिवसेना कौन सी: उद्धव गुट को झटका, शिंदे को राहत, सुप्रीम कोर्ट का EC की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार

मुंबई I सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के चुनाव चिह्न पर मंगलवार को सुनवाई हुई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट ने मामले में चुनाव आयोग को कार्रवाई करने से रोकने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पक्ष में सुनाया और चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अब चुनाव आयोग शिवसेना के चुनाव चिह्न पर अपनी कार्रवाई आगे बढ़ा सकता है। कोर्ट के संविधान पीठ ने मामले में पिछली सुनवाई सात सितंबर को की थी।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ में न्यायमूर्ति एमआर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे। संविधान पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग की कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी।

शिंदे और ठाकरे गुट ने शिवसेना पर किया था दावा 

  • दरअसल, सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की  थी कि उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी जाए और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर व धनुष आवंटित किया जाए। 
  • शिंदे गुट ने आयोग से गुहार लगाई है कि क्योंकि उसके पास पार्टी के अधिकतर सांसदों व विधायकों का समर्थन है, इसलिए पार्टी का चुनाव चिंह ‘धनुष व तीर‘ उसे मिलना चाहिए। इसके खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। 
     

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान: सावंत
शिवसेना सांसद (ठाकरे गुट) अरविंद सावंत ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग अपना फैसला दे सकता है। झटके का सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मामला जारी रहेगा।