नईदिल्ली I कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव अपने आप में बहुत खास हैं, क्योंकि करीब 20 साल बाद ऐसा हो रहा है कि कोई गांधी परिवार से इस रेस में शामिल नहीं है. लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावों में गांधी परिवार का इंट्रेस्ट नहीं है. जनता की धारणा के उलट प्रियंका गांधी वाड्रा इस चुनाव में बेहद दिलचस्पी ले रही हैं. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है.
बता दें कि राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के पद से 2 बार लोकसभा में पार्टी को मिली करारी हार के बाद इस्तीफा दे दिया था. इस बार उन्होंने पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के लिए चुनाव को जरूरी बताया है. इतना ही नहीं राहुल ने अपनी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को भी इस चुनाव से दूर रहने को कहा गया था.
खबर के मुताबिक कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि हम चाहते हैं कि पार्टी में जो भी बदलाव हों वह सकारात्मक दिशा में हों. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी अध्यक्ष चुनाव को बहुत बारीकी से देख रही हैं. वह चाहती हैं कि पार्टी की कमान किसी योग्य इंसान के हाथ में जाना चाहिए. राजस्थान में हुए सियासी बवाल के बाद अध्यक्ष के चुनाव में मुश्किलें पैदा हुई हैं. इससे पहले अशोक गहलोत को सबसे ताकतवर उम्मीदवार माना जा रहा था.
गहलोत को लेकर कांग्रेस बहुत ही सकारात्मक थी क्योंकि वह गांधी परिवार के विश्वसनीय हैं और राजनीति का अच्छा खासा अनुभव भी है. वह शशि थरूर को सबसे कड़ी टक्कर दे सकते थे. हालांकि इस पूरे मामले के बाद गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और इस पूरे घटनाक्रम पर माफी मांगी. इस मुलाकात में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अब पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
प्रियंका चाहती हैं पायलट को मिले कमान
सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी चाहती थी कि राजस्थान में सचिन पायलट को कमान सौंपी जाए और गहलोत को केंद्र की राजनीति में लाया जाए. दो साल पहले जब राजस्थान में सचिन पायलट ने बागी सुर अपनाए थे तब प्रियंका गांधी वाड्रा ने ही मध्यस्थता करके मामले को सुलझाया था. वह चाहती थीं कि सचिन पायलट को कमान सौंपी जाए और अगले साल होने वाले चुनावों में वह राजस्थान में पार्टी का नेतृत्व करें.
पार्टी में दो धड़े, एक राहुल तो एक प्रियंका के साथ
सूत्रों की मानें तो पार्टी में एक धड़ा अभी भी चाहता है कि राहुल गांधी ही पार्टी की कमान अपने हाथ में लें. हालांकि राहुल गांधी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह अध्यक्ष चुनाव की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. उन्हें पार्टी के लिए फिर से जमीन खोजना है. वह कांग्रेस की विचारधारा को लोगों तक फैलाने में लगे हैं. वहीं पार्टी में एक धड़ा ऐसा भी है जो चाहता है कि प्रियंका गांधी अध्यक्ष चुनाव में हिस्सा लें और पार्टी की कमान संभाले. हालांकि अध्यक्ष चुनावों से गांधी परिवार ने पूरी तरह से किनारा किया है.