नईदिल्ली I विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के सामने वीजा के लिए लंबे इंतजार के मुद्दे को उठाया. वहीं, अब इसका असर भी देखने को मिलने लगा है. नई दिल्ली में स्थित अमेरिका दूतावास ने अब US Visa मिलने में लगने वाले समय को कम करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. दरअसल, हाल ही में खबर आई कि भारतीयों को अमेरिकी वीजा के लिए दो साल तक का इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि चीन के लिए ये वीजा एप्लिकेशन को महज दो दिनों में निपटा दिया जा रहा है. इस वजह से भारत खासा नाराज था.
US Embassy में कांसुलर मामलों के मंत्री डॉन हेफ्लिन ने गुरुवार को कहा कि भारत में वाणिज्य दूतावासों में कर्मचारियों के एक साल से भी कम समय में प्री-कोविड लेवल पर लौटने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अस्थायी स्टाफ की नियुक्ति और ड्रॉप बॉक्स (उन लोगों को किसी अपॉइंटमेंट की जरूरत नहीं होगी, जिनके पास पहले से ही यूएस वीजा था, लेकिन वह एक निश्चित समय सीमा में समाप्त हो गया) को इजाजत देने जैसे कदमों से अंतरिम वेटिंग पीरियड में कटौती करने में मदद मिलेगी.
एक लाख लोगों की होगी नियुक्ति
डॉन हेफ्लिन ने आगे कहा कि अगले कुछ हफ्तों में एच और एल वर्कर वीजा कैटेगरी की एक लाख नियुक्तियों के लिए शुरुआत की जाएगी. वीजा के लिए लंबे समय तक इंतजार करने की वजह कोविड को बताया गया. अमेरिकी दूतावास ने कहा कि एक साल से भी कम समय में स्टाफ प्री-कोविड लेवल यानी 100 फीसदी पर आ जाएगा.
इस हफ्ते की शुरुआत में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष ब्लिंकन के साथ इस मामले को उठाते हुए भारत में बैकलॉग को कम करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों को सहयोग की पेशकश की थी.
अभी 70 फीसदी स्टाफ कर रहा काम
कांसुलर मामलों के मंत्री हेफ्लिन ने कहा, ‘अच्छी खबर ये है कि हम कोविड से रिकवर हो चुके हैं और कोविड के बाद स्टाफ की समस्याओं को सुलझाया जा रहा है. कोविड के पीक पर और फिर उसके बाद हमारे पास लगभग 50 फीसदी वीजा स्टाफ था. अब हमारे पास 70 फीसदी तक स्टाफ है. हम अगले साल इस समय से पहले लगभग 100 फीसदी स्टाफिंग करने जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘एक समय पर हम फिर से कोविड से पहले की तरह की 100 फीसदी तक वीजा एप्लिकेशन को हैंडल करने वाले हैं.’ जैसे-जैसे अमेरिकी दूतावास में स्टाफ बढ़ता जाएगा. वैसे-वैसे वीजा को लेकर लगने वाला समय कम होता जाएगा.