नईदिल्ली I राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने ‘जन सूरज’ अभियान के तहत रविवार को महात्मा गांधी जयंती पर पश्चिम चंपारण जिले से बिहार में 3,500 किलोमीटर की ‘पदयात्रा’ शुरू करेंगे. यात्रा को पूरा करने में 12 से 18 महीनों का समय लगने की संभावना है. इसे व्यापक रूप से राजनीति में उनके प्रवेश के लिए एक संभावित अग्रदूत के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि उन्होंने अक्सर इस बात पर जोर दिया है कि इसका निर्णय केवल वे लोग ही लेंगे जो उनके साथ इस अभियान में जुड़ रहे हैं.
एक बयान में कहा गया है कि किशोर यात्रा के दौरान हर पंचायत और ब्लॉक तक पहुंचने का प्रयास करेंगे और बिना कोई ब्रेक लिए अंत तक इस पदयात्रा का हिस्सा रहेंगे. वह अपनी यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के भितिहारवा में गांधी आश्रम से करेंगे, जहां राष्ट्रपिता ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था.
बता दें कि यात्रा शुरू करने से पहले तक किशोर नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए पिछड़े क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे. यहां उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य को न केवल सरकार बदलने की जरूरत है बल्कि व्यवस्था को बदलने के लिए अच्छे लोगों के एक साथ आने की जरूरत है. बयान में कहा गया है कि यात्रा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं, जिसमें जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान करना और उन्हें एक लोकतांत्रिक मंच पर लाना शामिल है.