मुंबई I महाराष्ट्र सरकार ने सभी सरकारी अधिकारियों को लैंडलाइन और मोबाइल फोन पर ‘हेलो’ के बजाय ‘वंदे मातरम’ बोलने का सरकारी आदेश (GR) जारी किया है। राज्य में यह नियम गांधी जयंती (2 अक्टूबर 2022) के मौके पर रविवार से लागू होगा। इस आदेश का विरोध करते हुए AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि ये क्या नाटक है, इससे रोजगार मिलेगा क्या?
जीआर के मुताबिक, सरकारी और सरकारी वित्त पोषित संस्थानों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को नागरिकों या सरकारी अधिकारियों से टेलीफोन या मोबाइल कॉल आने पर हेलो के बजाय ‘वंदे मातरम’ बोलना अनिवार्य है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी जीआर में कहा गया है कि अधिकारी उनसे मिलने आने वाले लोगों में भी वंदे मातरम का अभिवादन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता पैदा करें। जीआर में कहा गया है कि हेलो शब्द पश्चिमी संस्कृति की नकल है और कोई स्नेह पैदा नहीं करता है।
राजनीतिक दलों ने किया विरोध: वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों और राजनीतिक पार्टियों ने सरकार के इस आदेश पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि सिर्फ ‘वंदे मातरम’ बोलने से किसी में देशभक्ति की भावना नहीं जागती। वहीं, एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, “ये क्या नया नाटक है, इससे रोजगार मिलेगा क्या? यह बीजेपी का जरूरी मुद्दों जैसे कि बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान हटाने का तरीका है।”
महाराष्ट्र वन विभाग ने भी जारी किया था आदेश: इससे पहले महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी कर्मचारियों को फोन कॉल पर हेलो के बजाय ‘वंदे मातरम’ बोलने का आदेश दिया था। इस आदेश के कुछ दिन बाद ही महाराष्ट्र वन विभाग ने भी अपने कर्मचारियों से सरकारी कामकाज से संबंधित फोन आने पर वंदे मातरम बोलकर जवाब देने का आदेश दिया था।
हेलो के बजाय वंदे मातरम बोलने का आग्रह: वन विभाग ने सरकारी आदेश जारी कर कहा था, “वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मियों से सरकारी कामकाज से जुड़े आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के फोन अटेंड करते समय हेलो के बजाय वंदे मातरम बोलने का आग्रह किया गया है।” जिसके बाद अब राज्य सरकार ने भी सरकारी अधिकारियों के लिए हेलो की जगह ‘वंदे मातरम’ बोलने को लेकर जीआर जारी किया है।