नईदिल्ली I “राजराजा चोलन के काल में ‘हिंदू धर्म’ जैसी कोई चीज नहीं थी”…फिल्म निर्माता-अभिनेता कमल हासन के इस बयान से बवाल मच गया है। दरअसल, हाल ही में अभिनेता, मणिरत्नम की ‘पोन्नियिन सेल्वन-1’ की विशेष स्क्रीनिंग में पहुंचे थे। जहां उन्होंने फिल्म देखने के बाद ‘पोन्नियिन सेल्वन-1’ के नायक राजराजा चोलन को एक हिंदू राजा के रूप में चित्रित करने के हालिया विरोध के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि ‘राजराजा चोलन के समय में हिंदू धर्म की अवधारणा ही नहीं थी और यह शब्द अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए गढ़ा था।” कमल हासन के इस बयान के बाद से ही बयान-बाजी का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि, इस विवाद की शुरुआत कमल हासन से नहीं बल्कि तमिल निर्देशक के बयान से हुई थी। आइए जानते हैं, निर्देशक ने आखिर ऐसा क्या कहा कि राजराजा के धर्म पर सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तमिल निर्देशक वेत्रिमारन ने कहा था कि राजराजा चोलन हिंदू राजा नहीं थे। वेत्रिमारन ने एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया था कि ”हमारे प्रतीक लगातार हमसे छीने जा रहे हैं। वल्लुवर का भगवाकरण हो रहा है। राजराजा चोलन को लगातार हिंदू राजा कहा जा रहा है।” बता दें कि वेत्रिमारन की यह टिप्पणी फिल्म निर्माता मणिरत्नम की बहुप्रतीक्षित फिल्म पोन्नियिन सेलवन-1 की रिलीज से कुछ दिन बाद आई थी, जिसके बाद सम्राट की धार्मिक पहचान को लेकर बहस शुरू हो गई।
वेत्रिमारन के दावे पर भाजपा नेता एच राजा भड़क गए। उन्होंने निर्देशक के दावे को खारिज करते हुए कहा कि राजराजा चोलन एक हिंदू राजा थे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि “मैं वेत्रिमारन की तरह इतिहास से अच्छी तरह वाकिफ तो नहीं हूं, लेकिन यह पता है कि राजराजा चोलन ने दो चर्चों और मस्जिदों का निर्माण करवाया था। इतना ही नहीं उन्होंने खुद को शिवपाद सेकरन भी कहा था। फिर वह तब हिंदू कैसे नहीं हुए?” भाजपा नेता के बयान के बाद कमल हासन, वेत्रिमारन के समर्थन में आ गए।
कमल हासन ने इतिहास को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करने की सलाह दी। अभिनेता ने कहा, “राजराजा चोलन के काल में हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं था। बस वैणवम, शिवम और समानम नामक धर्म थे। हिंदू शब्द तो अंग्रेजों द्वारा गढ़ा गया था। उन्होंने थुथुकुडी को तूतीकोरिन में बदल दिया।” इतना ही नहीं कमल हासन ने यह तक कह डाला कि इतिहास पर आधारित ‘पोन्नियिन सेल्वन-1’ का जश्न मनाने का क्षण है।