छत्तीसगढ़

अब तक 19 पर्वतारोहियों के शव बरामद, 10 अब भी लापता, बर्फबारी बन रही रेस्क्यू में बाधा

नईदिल्ली I उत्तरकाशी के डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र से रेस्क्यू दल ने बृहस्पतिवार को 15 शव बरामद कर लिए। चार शव घटना के दिन ही बरामद हो गए थे। कुल 19 शवों में से चार को ही मातली हेलीपेड पर लाया जा सका है, जबकि 15 को एडवांस बेस कैंप में रखा गया है। वहीं, 10 लोग अब भी लापता हैं।

उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के दल में से 29 सदस्य रविवार को डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए थे। बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे से घटना स्थल पर रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ। पैदल गई एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीम बुधवार को घटना स्थल से तीन घंटे की दूरी तक पहुंच गई थी।

बृहस्पतिवार सुबह पौ फटते ही रेस्क्यू दल ने घटना स्थल की ओर बढ़ना शुरू किया। करीब साढ़े सात बजे दल ने घटना स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान शुरू किया। जबकि हाई एल्टीट्यूड वार वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम मातली हेलीपैड से सीधे घटना स्थल पर उतरी। यहां से 15 शव बरामद किए गए। इसकी सूचना मिलते ही परिजन हेलीपैड पर जमा हो गए।

करीब दोपहर 2 बजे प्रशासन ने परिजनों को बताया कि घटना स्थल पर मौसम खराब होने के कारण शवों को अभी लाना संभव नहीं है। मौसफ साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। कुछ देर बाद परिजन निराश होकर लौट गए। वहीं शाम को चार शव मातली हेलीपैड लाए गए। संभावना जताई जा रही है कि बाकी को शुक्रवार को ले आया जाएगा।

यह है रेस्क्यू टीम
घटना स्थल पर निम के 42, आईटीबीपी के 12, एसडीआरएफ के 8, हाई एल्टीट्यूट वार फेयर स्कूल गुलमर्ग (हॉज) के 14 व सेना के 12 सदस्य रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए हैं। हॉज की टीम बृहस्पतिवार सुबह ही मातली हेलीपैड पहुंची थी। बाद में यहां से घटना स्थल के लिए रवाना हुई। रेस्क्यू दल के सभी सदस्य पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।

मौसम बन रहा बाधा
घटना स्थल बहुत अधिक ऊंचाई पर है। रेस्क्यू के लिए सुबह धूप आने तक का समय बेहतर रहता है। यहां सूरज निकलते ही कोहरा छाने लगता है। साथ ही यहां पल-पल मौसम भी बदल रहा है। बृहस्पतिवार को भी यहां बर्फबारी हुई।

जाते हुए हुआ था हादसा : अनिल 
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का द्रौपदी का डांडा-2 की तरफ जाते हुए हिमस्खलन की चपेट में आया था। हादसे में जिंदा बचे निम के प्रशिक्षक अनिल कुमार ने यह जानकारी दी है। डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में स्थित द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन घटना के बाद निम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि हादसा चोटी से उतरने के दौरान हुआ था। बताया जा रहा है कि निम ने घटना के तत्काल बाद जब रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ से संपर्क किया था तो उसे भी हिमस्खलन की चपेट में आने वालों की स्पष्ट संख्या नहीं बताई थी। हादसे में जिंदा लौटे निम के प्रशिक्षक अनिल कुमार का कहना था कि चोटी के आरोहरण के दौरान अचानक हिमस्खलन हुआ जबकि उस समय दल के सदस्य चोटी से महज 100 से 150 मीटर की दूरी पर थे।

रेस्क्यू टीम सुबह साढ़े सात बजे घटना स्थल पर पहुंच चुकी थी। अब तक मिले 19 शवों में से चार को मातली हेलीपैड ले आया गया। मौसम खराब होने के कारण बाकी शव नहीं पहुंचाए जा सके। मौसम खुलते ही टीमें दोबारा काम पर जुट जाएंगी। 
– मणिकांत मिश्रा, कमांडेंट, एसडीआरएफ।