नई दिल्ली। सीबीआइ ने ठग सुकेश चंद्रशेखर और उसके सहयोगी के खिलाफ ठगी के एक मामले में चार्जशीट दायर की। दिल्ली के पंजाबी बाग निवासी सुकेश चंद्रशेखर और संजय जैन उर्फ संजय चिकन के खिलाफ तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के चेंगलपट्टू में सीजेएम के समक्ष चार्जशीट दाखिल की गई है। सीबीआइ ने मई 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच अपने हाथ में ले ली थी।
केंद्र सरकार का अधिकारी बताकर लोगों को फोन किया
इससे पहले मामले की जांच तमिलनाडु पुलिस कर रही थी। आरोपितों ने डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल कर ठगी का षड्यंत्र रचा। आरोपित ने अक्टूबर 2019 में पैरोल में रहते हुए काल स्पूफिंग तकनीकों का उपयोग करके खुद को केंद्र सरकार का अधिकारी बताकर लोगों को फोन किया। निपटाने की आड़ में उनसे रिश्वत के रूप में भारी मात्रा में राशि उगाही की थी और इस तरह एकत्र किए गए धन का अपने निजी उपयोग के लिए दुरुपयोग किया था।
रिश्वत के तौर पर की भारी भरकम उगाही
सुकेश पर यह भी आरोप है कि उसने उनके मामलों को निपटाने की आड़ में रिश्वत के रूप में भारी मात्रा में राशि उगाही की थी। रिपोर्ट के मुताबिक सुकेश ने इस तरह जमा की गई रकम का अपने निजी इस्तेमाल के लिए दुरुपयोग किया। दूसरा आरोपी सुकेश के नियमित संपर्क में था और वकीलों की व्यवस्था करके, पैरोल के मामले से लेकर सभी कानूनी मामलों को देखता था।
खुद को विधि सचिव बताता था सुकेश
छानबीन में पता चला है कि आयकर विभाग ने अक्टूबर 2019 के दौरान तिरुपति जिले के वरदैयापालेम और एक मंदिर समेत विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। सुकेश पर आरोप है कि उसने खुद को तत्कालीन विधि सचिव बता कर संगठन के संचालन को संभालने वाले व्यक्तियों में से एक से संपर्क किया और कथित रूप से उन पर 7.50 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए दबाव डाला। आरोपियों ने विदेशी नंबर भी हासिल किए थे और उनका इस्तेमाल मुंबई से दो करोड़ रुपये वसूलने के लिए किया था।