नई दिल्ली । राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के एक प्रतीक बन गए हैं। इस यात्रा के बाद एक अलग नए अवतार में नजर आएंगे। यह कहना है कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का। उन्होंने कहा कि यात्रा ने कांग्रेस को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है क्योंकि कई वर्षों के बाद देश की पुरानी पार्टी के बारे में लोग चर्चा कर रहे हैं। शहरी, ग्रामीणों से लेकर दूर-दराज इलाकों के लोग राहुल गांधी की पैदल यात्रा से यात्रा से प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यात्रा से पार्टी को मजबूती मिल रही है। देश में अगर कोई त्याग करता है, तो वह हमेशा पूजनीय होता है। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद का ‘त्याग’ किया। राहुल भी त्याग कर रहे और गर्मी में पसीना बहा रहे हैं और बारिश में भीग रहे हैं। हर तरह की फेक न्यूज और मानहानि के खिलाफ लड़ रहे हैं। वह भारत जोड़ो के प्रतीक बन गए हैं। वह राहुल को लंबे समय से जानते हैं और एक बार जब वह कुछ करने का फैसला कर लेते हैं तो पीछे नहीं हटते हैं। राहुल के आगे के राजनीतिक सफर पर उन्होंने कहा कि ‘जिस दिन वह फैसला कर लेंगे तो उन्हें कोई नहीं रोक पाएगा। उन्हें हमेशा एक अत्यधिक जिज्ञासु दिमाग के साथ एक बहुत ही प्रतिबद्ध और वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध व्यक्ति के रूप में देखा है। वह आपको तब तक जाने नहीं देंगे जब तक कि उनके पास उनके उत्तर न हों। और, वह एक विपुल नेता हैं और बहुत आध्यात्मिक भी हैं।
यात्रा का ये होगा रूट
तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा 150 दिन तक चलेगी। इस दौरान यह 12 राज्यों से गुजरेगी। 3,570 किलोमीटर लंबी इस यात्रा का समापन जम्मू-कश्मीर में होगा। यात्रा 12 राज्यों के 20 शहरों से होकर गुजरेगी। तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा, केरल के तिरुवनंतपुरम, कोच्ची, नीलाम्बुर होते हुए कर्नाटक पहुंच चुकी है। यहां मैसूर, बेल्लारी, रायचुर, मायासांद्रा के बाद तेलंगाना के विकाराबाद, महाराष्ट्र के नांदेड़, जलगांव जामोद, मध्य प्रदेश के इंदौर पहुंचेगी। यहां से यात्रा राजस्थान के कोटा, दौसा, अलवर, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, दिल्ली, हरियाणा के अंबाला, पंजाब के पठानकोट होते हुए जम्मू होते हुए श्रीनगर पहुंचेगी। जहां यात्रा का समापन होगा। यह भारत जोड़ो यात्रा 2023 की शुरुआत में कश्मीर में खत्म होगी