रायपुर।रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में चल रहे कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने राजस्व और लोक निर्माण विभाग के कार्यों पर नाराजगी जताई है। सड़कों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, इस साल दिसंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त कर लें। अब दौरे पर जाउंगा तो खराब सड़कों की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने खराब सड़कों को शीघ्र बनाने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने 6 हजार 181 किलोमीटर की सड़कों में तत्काल पैचवर्क कर उसे ठीकठाक करने को कहा। उन्होंने कहा, वादे के मुताबिक इस साल दिसम्बर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त कर लिया जाए। सड़क मरम्मत के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, सड़क किसी भी विभाग की हो, मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए, सड़क बनना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, खराब सड़कों की मरम्मत के लिए कलेक्टर खुद मॉनिटरिंग करें। सड़कों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि अब इस विषय में मैं फिर चर्चा नहीं करूंगा। मुझे सड़कों की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
इससे पहले उन्होंने राजस्व विभाग के कामकाज को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने लोगों का काम समयसीमा में नहीं होने पाने की शिकायतों पर अधिकारियों को चेतावनी दी है। इसके अलावा सीएम ने कलेक्टरों से कहा है कि 3 साल से एक स्थान पर जमे पटवारियों का तबादला करें। उन्होंने लोगों का काम समय सीमा में न करने वाले अधिकारियों को चेतावनी दी। कहा, अगर इसमें भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नामांतरण के लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के निर्देश दिए हैं।
उसके बाद उन्होंने सभी कलेक्टरों को नियमित रूप से तहसीलों का निरीक्षण करने को कहा। संभाग आयुक्तों तक को तहसीलों का निरीक्षण करते रहने को कहा है। उन्होंने कहा, राजस्व प्रकरणों को समय सीमा में निपटाएं। नागरिकों को राजस्व प्रकरणों में देरी से परेशानी नहीं होनी चाहिए। ग्रामीणों की सहूलियत के लिए सप्ताह में एक दिन निर्धारित करें। कामकाज की समीक्षा करें और काम में तेजी लाएं।
राम वन गमन पथ में होटल जोड़ने का निर्देश, गंगरेल में टापू बनेगा
इससे पहले पर्यटन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, आवासीय व्यवस्था होने से ही पर्यटन बढ़ेगा। ऐसे में पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को रात रुकने की व्यवस्था करें। इसके लिए वहां अच्छे होटल होना जरूरी है। उन्होंने राम वन गमन पर्यटन परिपथ से जुड़े कार्यों की विस्तृत समीक्षा के बाद इसमें होटल जोड़ने का भी निर्देश दिया। बात प्रदेश के जलाशयों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने से हुई। सतरेंगा जलाशय में पर्यटन सुविधाओं और वहां पर्यटकों की आमद से जुड़ी चीजों की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री ने धमतरी के गंगरेल डैम में आइलैंड को विकसित करने का निर्देश दिया। कहा गया, ऐसा होने से वहां पर्यटकों के लिए नया आकर्षण जुड़ जाएगा।
गौठान समितियों को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश
बैठक में सीएम भूपेश ने गौठान समितियों को लेकर भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से किसानों ने लोन लिया हैं, लेकिन वर्मी कंपोस्ट नहीं मिला, ऐसे किसानों के पास कंपोस्ट पहुंचना सुनिश्चित कीजिए ।धान के अलावा दूसरी फसलों में भी वर्मी कंपोस्ट के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना है।गर्मी में धान की फसल के लिए बांधों से पानी नहीं देना चाहिए, ताकि जुलाई के समय के लिए पानी बांधों में रहे। सीएम ने कहा कि गर्मी में दलहन तिलहन को प्रोत्साहित कीजिए। राज्य में किसानों को धीरे धीरे वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध कराते रहें, प्रेरित करें तो रासायनिक खाद से निर्भरता खत्म होगी ।
कॉन्फ्रेंस में मौजूद वरिष्ठ अफसर।
सूखा और बाढ़ की समीक्षा कर मुआवजे का निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाढ़ और सूखा के हालात और नुकसान की समीक्षा की है। उसके बाद प्रभावित किसानों को समय सीमा में राजस्व पुस्तक परिपत्र की व्यवस्था के तहत राहत राशि दिलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि दिलाना सुनिश्चित करें। इस योजना से बैगा, गुनिया, पुजारियों को भी योजना में जोड़ा गया है। उन लोगों को योजना की जानकारी देकर लाभ दिलाएं।
वहीं मुख्यमंत्री ने राजस्व सचिव और कलेक्टर कोंडागांव को कोंडागांव ज़िले में बंदोबस्त सर्वे कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए कलेक्टर को कार्ययोजना बनाकर तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने बंदोबस्त सर्वे के लिए कमिश्नर और पुराने एसएलआर का भी सहयोग लेने के निर्देश दिए। इसी प्रकार बंदोबस्त कार्य में रिटायर राजस्व अधिकारियों का सहयोग लेने को भी कहा है।
एक-एक जिले की समीक्षा कर रहे हैं मुख्यमंत्री
बताया जा रहा है, दूसरे दिन कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव एक-एक जिले की योजनाओं का आंकड़ा लेकर बातचीत कर रहे थे।कलेक्टरों से जवाब मांगा गया है। यह दौर करीब ढाई बजे तक चला।
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कलेक्टर और जिला पंचायतों के CEO ही शामिल हैं।
शनिवार से शुरू हुई है कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन कलेक्टरों से संक्षिप्त चर्चा हुई थी। शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की। इसमें क्वान्टीफिएबल डॉटा आयोग के सर्वेक्षण, स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना, वनांचलों में आश्रम-छात्रावासों की स्थिति, राजीव युवा मितान क्लब, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन तथा राज्य में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार शामिल था। उसके बाद पूरी बैठक कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर केंद्रित हो गई। पुलिस के कार्यों की समीक्षा हुई। उसके बाद पुलिस अधिकारियों को विदा कर दिया गया।
आईएएस एसोसिएशन ने डिनर आयोजित किया था
छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ क्लब में शनिवार रात डिनर का आयोजन किया। इसमें कॉन्फ्रेंस में आए अफसरों के साथ राजधानी में तैनात वरिष्ठ अफसर शामिल हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी डिनर में पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों की मांग पर छत्तीसगढ़ी गीत गाया।