छत्तीसगढ़

रावण को नहीं पसंद थी पर्दे पर अश्लीलता, साफ-सुथरे मनोरंजन के हिमायती थे अरविंद त्रिवेदी

नईदिल्ली I दूरदर्शन पर प्रसारित हुए रामानंद सागर के बेहद लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक ‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी एक शानदार एक्टर थे। ‘रावण’ के किरदार के बाद तो उनकी लोकप्रियता बेतहाशा बढ़ी। आज भी उनके ‘रामायण’ के रोल को खूब पसंद किया जाता है। दिवंगत एक्टर अरविंद त्रिवेदी ने 2002 से 2003 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। वह हमेशा अपने रोल और काम को लेकर स्पष्ट रहे। उन्हें पर्दे पर बोल्ड सीन बिल्कुल भी पसंद नहीं थे। एक बार इसी बात को लेकर उनका देव आनंद के भाई विजय आनंद से काफी विवाद हुआ।

दे दिया था इस्तीफा
अरविंद त्रिवेदी और देव आनंद के भाई के बीच बहस दरअसल सॉफ्ट पोर्न को लेकर शुरू हुई। विजय आनंद सिनेमाघरों में सॉफ्ट पोर्न फिल्मों को दिखाए जाने की वकालत कर रहे थे, लेकिन अरविंद त्रिवेदी उसक सख्त खिलाफ थे। विवाद इतना बढ़ गया कि सीबीएफसी द्वारा प्रस्तावों पर चर्चा करने से इनकार करने के बाद विजय आनंद ने इस्तीफा दे दिया। वर्ष 2003 के एक इंटरव्यू में अरविंद त्रिवेदी ने कहा था, ‘मैं जिस चीज के लिए अड़ा था, उस पर पूर्ण विराम लगाना चाहता हूं। उन्होंने विजय आनंद का नाम लेते हुए कहा कि वह चाहते थे कि सॉफ्ट पोर्न फिल्में थिएटरों में दिखाई जाएं।’

नैतिक सीमाओं को लेकर कही थी यह बात
अरविंद त्रिवेदी का मानना था कि सार्वजनिक मनोरंजन को साफ-सुथरा होना चाहिए और यह इतना आसान नहीं है। इससे पहले 2002 में दिए एक इंटरव्यू में भी उन्होंने कहा था कि वह व्यावसायिक रूप से प्रदर्शित होने वाली पोर्न के तो सख्त खिलाफ हैं ही, साथ ही वह पर्दे पर किसी भी तरह की अश्लीलता के भी खिलाफ हैं। हालांकि, अरविंद त्रिवेदी ने कहा था कि वह जरूरी होने पर किस करने के खिलाफ नहीं हैं। अरविंद त्रिवेदी के मुताबिक मां-बेटी या भाई-बहन के बीच के दृश्यों में किस करना जरूरी समझा जा सकता है। लेकिन, स्त्री-पुरुष के बीच प्रेम की अभिव्यक्ति के सीन उन्हें स्वीकार नहीं। उनका मानना था कि समाज की नैतिक सीमाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। करीब एक साल तक सीबीएफसी के कार्यवाहक अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने कई फिल्मों में अश्लील दृश्यों को हटवाया।

राजनीति में आजमाई थी किस्मत
आपको बता दें कि अपने अभिनय से अलग पहचान बनाने वाले अरविंद त्रिवेदी ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। वह वर्ष 1991 में भाजपा के सदस्य के रूप में साबरकथा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे और साल 1996 तक वो इस पद पर रहे थे। मालूम हो कि त्रिवेदी ने हिंदी और गुजराती सहित लगभग 300 फिल्मों में काम किया है। तो वहीं उन्हें गुजराती फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए 7 अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया था।