छत्तीसगढ़

एम्स के आपातकालीन विभाग में नहीं होगी वेटिंग, पड़ोसी अस्पतालों के साथ बनाई जाएगी रेफरल नीति

नई दिल्ली। एम्स के आपातकालीन विभाग में उपचार कराने आ रहे मरीजों को अब इलाज के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। यहां वेटिंग को खत्म करने के लिए एम्स निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक कर सुविधाओं को बढ़ाने का निर्णय लिया है। साथ ही आसपास के अस्पतालों के साथ मिलकर रेफरल नीति विकसित करने पर सहमति बनी है। 

डा. श्रीनिवास ने आदेश में कहा है कि आपातकालीन विभाग के बाहर प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की और पहले से जांचे गए और त्रैमासिक मरीजों को भर्ती करने वाले बेड की कमी है। इसे दूर करने के अलावा एम्स के नजदीक स्थित 20 अस्पतालों के साथ मिलकर वेटिंग वाले मरीजों के लिए रेफरल नीति तैयार की जाएगी।

नवंबर के अंत तक 150 नए स्ट्रेचर आएंगे

जल्द ही एम्स निदेशक सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ बैठक करेंगे। वहीं मरीजों की सुविधा के लिए आपातकालीन विभाग में स्ट्रेचर में साइड रेल और बेड के साथ मरीजों के लिए स्ट्रेचर की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। 

निदेशक ने आपातकालीन विभाग के निरीक्षण में पाया था कि वहां मौजूद स्ट्रेचर में जंग लगी हुई है और उनमें सुरक्षा उपकरण भी नहीं हैं। मार्च में साइड रेल के साथ 50 नए स्ट्रेचर बढ़ाए गए थे। नवंबर के अंत तक 150 और स्ट्रेचर आएंगे।

रेजिडेंट डाक्टर को आपातकालीन सेवा के लिए भेजेंगे

निदेशक ने कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, अधिक संख्या में बेड बढ़ाए जाने चाहिए ताकि मरीज को एक ही बेड पर कम से कम शिफ्टिंग के साथ अलग-अलग वार्डों में ले जाया जा सके। आपातकालीन सेवा में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए तय किया गया है कि सभी विभाग मासिक आधार पर एक रेजिडेंट डाक्टर को यहां आपातकालीन सेवा के लिए भेजेंगे।

48 घंटे में मिलेगा बेड

एम्स निदेशक ने यह भी तय किया है कि हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक के मरीज अब आपातकालीन विभाग में 48 घंटे से ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे। ऐसे मरीजों के लिए आपातकालीन विभाग में पांच बेड की व्यवस्था की गई है। 

बैठक में निदेशक ने फैसला लिया कि कार्डियोलाजी और न्यूरोलाजी विभाग के पांच इनपेशेंट बेड को कार्डियोलाजी और न्यूरोलाजी के मरीजों के प्रवेश के लिए चिह्नित किया जाएगा। वहीं, आपातकालीन रोगी के लिए एबी-तीन वार्ड आवंटित किया गया है। यह पहले प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के पास था जो अब एमसीएच ब्लाक में स्थानांतरित कर दिया गया है।