छत्तीसगढ़

मेरे हिन्दुत्व में रेपिस्ट की पूजा नहीं होती-आदित्य ठाकरे ने BJP पर साधा निशाना

मुंबई I शिवसेना के सिंबल और नाम के लिए उद्धव और शिंदे गुट के बीच चल रही कानूनी जंग के बीच कल चुनाव आयोग ने फैसला करते हुए उद्धव ठाकरे गुट की पार्टी का नाम ‘शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)’ तय किया है. इसके अलावा एकनाथ शिंदे की पार्टी का नाम बालासाहेबांचे शिवसेना रखा है. यही नहीं आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट की पार्टी को इलेक्शन सिंबल धनुष-बाण की जगह मशाल दिया है. जिसको लेकर आदित्य ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि 40 गद्दार हमारा नाम हमसे छीनने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इन 40 गद्दारों ने हमसे धोखा किया और पार्टी को छीनने की कोशिश की, लेकिन हमारे सिद्धांतों को नहीं छीन सकते. इन 40 गद्दारों ने दिखा दिया कि राजनीति कितनी गंदी हो सकती है. वे इस्तीफा देकर उस पार्टी में जा सकते थे, जहां वह जुड़े हैं. उन लोगों ने जो किया है, वह सिर्फ शिवसेना ही नहीं बल्कि लोकतंत्र को धोखा है.

गुजरात सरकार पर बोला तीखा हमला

इसके साथ ही उन्होंने गुजरात के बिलकिस बानो रेप केस के दोषियों को रिहा करने पर बीजेपी और गुजरात सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि क्या रेप का जश्न मनाया जा सकता है. एक हिंदी न्यूज चैनल ने बातचीत के दौरान आदित्य ठाकरे से पूछा गया कि दहशरे के भाषण में उद्धव ठाकरे ने बिलकिस बानो के दोषियों को छोड़ने का जिक्र किया, शिवसेना पर आरोप ये लग रहा है कि शिवसेना सेकुलर हो रही है.

जिस पर जवाब देते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो मैंने मेरे दादा जी से हिन्दुत्व सीखा है उसमें कभी नहीं कहा गया कि ‘रेपिस्ट की आरती करो, पूजा करो’. जो भी रेपिस्ट हो उसे फांसी पर चढ़ाओ, यही मेरे दादा जी का हिन्दुत्व था. चाहे वो किसी भी धर्म का हो. जो रेपिस्ट होता है उसका धर्म, प्रांत, जाति, भाषा देखे बिना उसे फांसी दी जानी चाहिए. यही हमारी न्याय व्यवस्था भी कहती है.

बिना नफरत फैलाए हम काम करते हैं

आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब हमारे धर्म के खिलाफ कोई आएगा तो हम खड़े होंगे. लेकिन हमारा धर्म ये भी कहता है सबकी सेवा भी करो. हमारा हिन्दुत्व कहता है सब को साथ लेकर चलो. उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व की बात आती है तो शायद ही पूरे देश में किसी व्यक्ति ने अयोध्या का उतना दौरा नहीं किया जितना उद्धव ने किया. उन्होंने कहा कि हमारा हिन्दुत्व थोड़ा अलग है. जब हमने औरंगाबाद का नाम बदला, उस्मानाबाद का नाम बदला तो किसी तरह की हिंसा नहीं हुई. ये हमारा हिन्दुत्व है. हम बिना नफरत फैलाए अपना काम करते हैं.