नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने चुनावी रैली के दौरान उपहार में साड़ी और शर्टें बांटने पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा कि सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों का उनके मैदानों समेत रैलियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, चुनाव की अवधि में सभी राजनीतिक दलों को विज्ञापनों के लिए समान रूप से जगह मिलनी चाहिए।
रैलियों में कैप, मास्क, स्कार्फ आदि का प्रयोग संभव
चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा कि रैलियों और पदयात्राओं में किसी भी पार्टी या पार्टी उम्मीदवार को कैप, मास्क, स्कार्फ आदि का प्रयोग किया जा सकता है। पार्टी या उम्मीदवार की ओर से तैयार की गई इन प्रचार सामग्रियों का प्रयोग वर्जित नहीं होगा। लेकिन रैलियों में पार्टी या उम्मीदवार की ओर से साड़ियां और शर्टें नहीं बांटी जा सकेंगीं। व्यक्तिगत ग्राहकों को आगे आवंटन के लिए पहले से ही किसी भी एजेंसी को बाहर कर दिया गया है।
दीवारों पर लिखने और पोस्टर लगाने पर प्रतिबंध
आयोग ने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों में विज्ञापन के लिए सभी दलों को समान रूप से स्थान मिलना चाहिए। लेकिन निजी स्थानों पर स्थानीय कानून के तहत दीवारों पर लिखने, पोस्टर लगाने जैसे प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए। इन स्थानों पर अगर संपत्ति का मालिक पेंटिंग या पोस्टर लगाने की इजाजत भी दे, तभी राजनीतिक दलों को ऐसा नहीं करना चाहिए। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस तरह के लेखन और प्रदर्शन में कुछ भी भड़काऊ या समुदाय के बीच असंतोष को भड़काने की अनुमति नहीं होगी।
सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को मिलेगी समान जगह
आयोग ने कहा कि यदि किसी सार्वजनिक स्थान पर विज्ञापन प्रदर्शित करने के लिए विशेष रूप से निर्धारित स्थान उपलब्ध कराया गया है और यदि व्यक्तिगत ग्राहकों को आगे आवंटन के लिए ऐसी जगह पहले से ही किसी एजेंसी को किराए पर दी गई है, तो इस मामले में जिला चुनाव अधिकारी संबंधित नगरपालिका प्राधिकरण के माध्यम से सुनिश्चित करें कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को इस तरह के विज्ञापन स्थान तक पहुंच का समान अवसर मिले। निजी स्थानों पर विज्ञापनों के लिए यदि स्थानीय कानून स्पष्ट रूप से दीवार पर लिखने, पोस्टर चिपकाने और इसी तरह के अन्य स्थायी या अर्ध की अनुमति नहीं देता है।