छत्तीसगढ़

कानपुर में अनोखा मामला आया सामने, 23 साल चक्कर लगाते थका तो स्वीकारा जुर्म, मिली सजा

कानपुर। कचहरी के चक्कर काटकर थकने वालों की संख्या कम नहीं है लेकिन, यदा कदा ही ऐसे मामले सामने आते हैं जब परेशान होकर आरोपित कोई ऐसा कदम उठाता है जो व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। 23 साल पुराने ऐसे ही एक मुकदमे में जब आरोपित चक्कर काटकर थक गया तो उसने अपराध स्वीकार लिया।

न्यायालय ने उसे बताया भी कि अपराध स्वीकार करने पर सजा हो सकती है बावजूद इसके वह पीछे नहीं हटा। अपर जिला जज अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा ने नरमी दिखाते हुए उसे दोनों मुकदमों में चार माह कैद और 2900 रुपये जुर्माने से दंडित किया। बता दें 23 साल तक पुलिस ने न्यायालय में एक भी गवाह पेश नहीं किया।

चकेरी के दीपक गेस्ट हाउस के पास 1999 में एक व्यक्ति की मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसके बाद क्षेत्रीय लोग हिंसक हो गए थे। बसों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। इस मामले में पुलिस ने दो मुकदमे दर्ज किए थे। जिनकी सुनवाई वर्ष 2008 में शुरू हुई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी ने बताया इस मामले में पुलिस ने चकेरी के सुभाष रोड निवासी विजय दास को जेल भेजा था। उसके खिलाफ बलवा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में मुकदमा चलाया गया। इस मामले में लगातार समन, वारंट भेजने के बाद भी पुलिस ने एक भी गवाह कोर्ट में पेश नहीं किया जिसके बाद विजय ने अपराध स्वीकार करने की अर्जी दी।

विजय ने कहा कि वह मजदूर है। मजदूरी करने बाहर भी नहीं जा पा रहा है। परिवार का भरण पोषण करने में समस्या हो रही है। हर तारीख पर पैसे खर्च होते हैं और समय खराब होता है। वह परेशान हो चुका है इसलिए अपराध स्वीकार करना चाहता है।

जिसके बाद न्यायालय ने उसकी अर्जी स्वीकार करते हुए सत्र परीक्षण संख्या 401/2008 में चाह माह साधारण कारावास और 2500 रुपये जुर्माना किया जबकि दूसरे सत्र परीक्षण 172/2008 में चार अलग-अलग धाराओं में कुल 2400 रुपये जुर्माना लगाया। जेल में बितायी अवधि से यह सजा समायोजित होगी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि विजय डेढ़ माह जेल में रह चुका है।