नईदिल्ली I जम्मू-कश्मीर के शोपियां में कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की हत्या के मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को पत्र भेजा गया है. इसके जरिए सीजेआई से अपील की गई है कि पत्र को याचिका के तौर पर स्वीकार किया जाए. दिल्ली के एक वकील विनीत जिंदल ने यह पत्र CJI को भेजा है. उन्होंने इस याचिका पत्र में कश्मीरी पंडित पूरन भट की हत्या के मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है. जिंदल ने CJI जस्टिस यूयू ललित से गुजारिश की है कि पूरन भट के परिवार को एक करोड का मुआवजा दिया जाए.
याचिका पत्र में यह भी मांग की गई है कि पूरन के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए. जिंदल ने जम्मू कश्मीर में रहने वाले सभी कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल भेजा जाए. कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की आतंकियों ने शनिवार को शोपियां जिले के चौधरी गुंड इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी थी.
कश्मीरी पंडितों में आक्रोश
भट का रविवार को जब अंतिम संस्कार किया गया, तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. शोक संतप्त कश्मीरी पंडितों ने घाटी में आतंकवादियों द्वारा लोगों की चुनकर हत्या को रोकने में सरकार की नाकामी के खिलाफ आक्रोश जताया. कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने भट के परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग की, जिसमें 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने के अलावा सुरक्षा स्थिति सामान्य होने तक हिंदू कर्मचारियों को फौरन घाटी के बाहर ट्रांसफर करने की मांग शामिल है.
बीजेपी पर बरसा विपक्ष
इससे पहले, पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) सुजीत कुमार ने बताया था कि भट की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर (केएफएफ) ने ली है. डीआईजी ने कहा था कि शुरूआती जांच में यह खुलासा हुआ कि एक आतंकवादी ने भट पर गोली चलाई. कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को लेकर विपक्ष ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार इस समुदाय (कश्मीरी पंडितों) को सुरक्षा देने में विफल रही है. वहीं, भट की हत्या के विरोध में जम्मू कश्मीर में जगह-जगह हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के अनेक कार्यकर्ताओं को रविवार को हिरासत में लिया गया. आप के कार्यकर्ताओं ने यहां प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान उन पर लाठीचार्ज भी किया गया और पुलिस ने कार्यकर्ताओं को कुछ देर के लिए हिरासत में भी रखा.